1 अप्रैल से Income Tax के नियमों में होंगे ये बड़े बदलाव, कहीं होगा आपका फायदा तो कहीं कटेगी जेब
Income Tax के नियमों में 1 अप्रैल यानी नए वित्त से बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इनकी घोषणा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018 के आम बजट में की थी। जानिए, नए नियमों से आपको कहां होगा फायदा और कहां होगा नुकसान।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट में Income Tax को लेकर जो घोषणाएं की थी वे 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगी। इनमें से कुछ से आपको जहां लाभ होने वाला है वहीं कुछ से आपकी जेब भी कटेगी। नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2018 से सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू करने की बात कही है। मतलब आपको 40,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा। यह डिडक्शन 19,200 रुपए के ट्रांसपोर्ट अलाउंस और 15,000 रुपए के मेडिकल रीम्बर्समेंट की जगह मिलेगा। इसके लागू होने के बाद कुल सैलरी में से 40,000 रुपए घटाकर बचने वाली रकम पर टैक्स देना होगा।
हालांकि, स्टैंडर्ड डिडक्शन से किसको कितना फायदा मिलेगा यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि वह कौन से टैक्स स्लैब में आता है। आदर्श स्थिति 5% टैक्स स्लैब में आने वाले को 290 रुपए, 20% टैक्स स्लैब में आने वाले को 1160 रुपए और 30% टैक्स स्लैब में आने वाले को 1,740 रुपए का फायदा होगा।
स्टैंडर्ड डिडक्शन की वैल्यू यहां हो जाती है कम
5 लाख रुपए तक की सालाना आय वालों को छोड़ दें तो ज्यादातर मामलों में यह फायदा भी नहीं मिलने वाला है। इसकी वजह है इनकम टैक्स पर सेस का 3 से बढ़कर 4 फीसदी होना। स्टैंडर्ड डिडक्शन से जो फायदा मिलेगा इनकम टैक्स पर बढ़े हुए सेस की वजह से वह कम होता जाएगा या फिर अधिक टैक्स देनदारी के मामले में नुकसान ही होगा।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स
इक्विटी शेयर्स या फिर इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स के यूनिटों की बिक्री से होने वाली आय के 1,00,000 रुपए से अधिक होने पर अब 10 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (सेस अतिरिक्त) वसूला जाएगा। हालांकि करदाताओं को फायदा पहुंचाने के लिए 31 जनवरी 2018 तक की आय को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। इसका मतलब हुआ कि आय के तौर पर जनवरी 2018 के बाद की कीमतों पर हुए लाभ को ही गिना जाएगा।
सिंगल प्रीमियम हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर होगी ज्यादा बचत
इंश्योरेंस कंपनियां आम तौर पर कुछ साल का प्रीमियम एडवांस देने पर कुछ डिस्काउंट देती हैं। पहले हेल्थ इंश्योरेंस लेने वाले 25,000 रुपए तक की रकम पर ही टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते थे। लेकिन इस बजट में एक साल से ज्यादा की सिंगल प्रीमियम हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर बीमा अवधि के अनुपात में छूट दिए जाने का प्रस्ताव किया गया है। मसलन, दो साल के इंश्योरेंस कवर के लिए 40,000 रुपए देने पर इंश्योरेंस कंपनी अगर 10% डिस्काउंट दे रही है तो आप दोनों साल 20-20 हजार रुपए का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
NPS से आम लोग भी निकाल सकेंगे पैसे
सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में जमा की गई रकम निकालने पर टैक्स छूट का लाभ अब उन लोगों को भी देने का प्रस्ताव किया है जो कर्मचारी नहीं हैं। अभी एनपीएस में योगदान करने वाले कर्मचारियों को ही अकाउंट बंद होने या एनपीएस से निकलते वक्त उन्हें देय कुल रकम के 40 प्रतिशत पर टैक्स छूट दी जाती है। अभी आयकर में मिलने वाली यह छूट गैर-कर्मचारियों के लिए उपलब्ध नहीं थी। लेकिन, 1 अप्रैल से इसका लाभ उन्हें भी मिलेगा।
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) के तहत जमा की सीमा बढ़ी
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट में प्रधानमंत्री वय वंदना योजना या PMVVY के तहत निवेश की सीमा 7.5 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपए करने का प्रस्ताव किया था। यह 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा। आपको बता दें कि इस योजना का विस्तार भी 2020 तक कर दिया गया है। इस योजना के तहत जमा राशि पर 8 फीसदी का निश्चित ब्याज मिलता है।