Supertech चालू वित्त वर्ष में करेगी 15,000 घर तैयार, होगा 2500 करोड़ रुपए का निवेश
Supertech चालू वित्त वर्ष के दौरान दिल्ली-एनसीआर में 1500 हाउसिंग यूनिट्स को पूरा करने के लिए तकरीबन 2500 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।
नई दिल्ली। रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी Supertech (सुपरटेक) चालू वित्त वर्ष के दौरान दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न प्रोजेक्ट्स में 1500 हाउसिंग यूनिट्स को पूरा करने के लिए तकरीबन 2500 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। नोटबंदी के बाद कंपनी की बिक्री 50 फीसदी तक घट चुकी है।
नोएडा स्थित रियल्टी कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 8,500 यूनिट की डिलेवरी की थी और वित्त वर्ष 2017-18 में उसका लक्ष्य 15,000 यूनिट को पूरा करने का है। सुपरटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर मोहित अरोड़ा ने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 में कंपनी की बिक्री तकरीबन 1,500 करोड़ रुपए रही है, जो कि इससे पिछले साल में 3,000 करोड़ रुपए की थी। उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी मार्केट में धीमी मांग की वजह से कंपनी की बिक्री घटी है। नोटबंदी से भी मांग पर असर पड़ा है लेकिन अब बिक्री में सुधार आना शुरू हो गया है।
उन्होंने कहा कि कंपनी ने पिछले तीन वित्त वर्षों में 20,000 यूनिट की डिलेवरी की है और अब पूरा ध्यान निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूरा करने पर लगाया जा रहा है। अरोड़ा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में हमनें 15,000 हाउसिंग यूनिट को डिलेवर करने का लक्ष्य रखा है। इन यूनिट को पूरा करने के लिए हमें 2,500 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। उन्होंने आगे कहा कि इस धन की व्यवस्था आंतरिक स्रोतों और कर्ज के माध्यम से की जाएगी।
उन्होंने कहा कि उसे बिके हुए मकानों के ग्राहकों से 4,000 करोड़ रुपए की प्राप्ती होनी है। सुपरटे के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने कहा कि कंपनी की परियोजनाओं में पिछले कुछ सालों से विभिन्न कारणों से देरी हो रही है लेकिन अब कंपनी का पूरा ध्यान इन परियोजनाओं को पूरा करने पर है। उन्होंने कहा कि कंपनी 3500 से 4000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ 40,000 यूनिट का एक अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च करने की भी योजना बना रही है।
अरोड़ा ने बताया कि 20,000 अफोर्डेबल हाउस के लिए क्रेडाई के साथ एक समझौता किया गया है। इसके लिए कंपनी के पास जमीन है और कोई अतिरिक्त जमीन खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस समय अफोर्डेबल हाउस की मांग सबसे ज्यादा है। सुपरटेक के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, मेरठ, मुरादाबाद, देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर और बेंगलुरु में परियोजनाएं हैं।