Jewellery Insurance: बिना लॉकर गहने सुरक्षित रखने का यह है शानदार तरीका
गहने सुरक्षित रखने के लिए सिर्फ लॉकर ही एकमात्र जरिया नहीं है। बल्कि आप ज्वैलरी इंश्योरेंस करवाकर भी ज्वैलरी को घर में रखकर निष्चिंत हो सकते हैं।
नर्इ दिल्ली। गहने पहनना सभी महिलाओं का शौक होता है। लेकिन यदि घर में सोने चांदी की कीमती ज्वैलरी रखी हो तो हर वक्त उसके चोरी होने का डर सताता रहता है। ऐसे में हम अपने कीमती गहने को बैंक लॉकर में सहेज कर रखते हैं। लेकिन ज्वैलरी की इस प्रकार की सुरक्षित रखने के चलते महिलाएं अपने शौक से महरूम रह जाती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए और लोगों को गहने चोरी होने के डर से मुक्त रखने के लिए बीमा कंपनियां ज्वैलरी इंश्योरेंस कवर पॉलिसी उपलब्ध कराती हैं। इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको बता रही है कि आप कैसे ज्वैलरी इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं, और यह भी बताएंगे कि क्या यह आपके लिए कितनी फायदेमंद है।
दो प्रकार से ले सकते हैं ज्वैलरी पॉलिसी
ज्वैलरी की सुरक्षा के लिए इंश्योरेंस कंपनियां दो प्रकार की पॉलिसी ऑफर करती हैं। इसमें पहली है स्टैंडअलोन ज्वैलरी पॉलिसी, जो केवल ज्वैलरी का सुरक्षा कवर देती हैं। वहीं दूसरी है होम इंश्योरेंस पॉलिसी, जो कि पूरे घर को चोरी या दुर्घटना से कवर देती है। उपभोक्ता अपनी जरूरत के अनुसार पॉलिसी का चयन कर सकते हैं। होम इंश्योरेंस पॉलिसी की अपनी सीमाएं हैं। होम इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत बीमा का कवर लेने पर अगर गहनों की चोरी हो जाती है, तो गहनों का पूरा वैल्यू नहीं मिल पाता है। यह केवल राइडर होता है। गहनों की पूरी सुरक्षा के लिए स्टैंडअलोन ज्वैलरी इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी चाहिए। यह पॉलिसी ज्वैलरी को पूरा इंश्योरेंस कवर देता है।
पॉलिसी लेने से पहले गहनों का वैल्युएशन है जरूरी
ज्वैलरी के लिए बीमा पॉलिसी लेने से पहले ज्वैलरी का मार्केट वेल्युएशन जरूर प्राप्त करें। आप अपने घर के पास की किसी ऑथराइज्ड ज्वैलरी शॉप से गहनों का वैल्युएशन करवा सकते हैं। ऐसा नहीं करने पर बीमा कंपनी बीमाक्लेम करते समय आपके गहनों का वेल्युएशन कम लगा सकती हैं और आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
वेल्युएशन ही तय करता है प्रीमियम
आम तौर पर ज्वैलरी इंश्यारेंस बहुत महंगा नहीं होता। इंश्योरेंस कंपनियां ज्वैलरी के इंश्योरेंस कवर के लिए प्रीमियम उसके वेल्युएशन का 1 से 1.5 फीसदी तक फिक्स करती हैं। मान लीजिए अगर आपकी ज्वैलरी का वेल्युएशन 3 लाख रुपए आता है तो प्रीमियम 3,000 रुपए सालाना देना होगा। अगर, आप एक साथ और भी दूसरे सामान का कवर लेते हैं तो बीमा कंपनियां प्रीमियम में छूट भी देती हैं।
इन बातों का जरूर रखें ख्याल
ज्वैलरी के लिए पॉलिसी लेने से पहले उसके रिफंड के नियम अच्छी तरह से पढ़ लें। बीमा कंपनी के रिफंड की पॉलिसी क्या है, ज्वैलरी चोरी होने की सूरत में आपको क्लेम लेने के लिए कौन-सी प्रक्रिया अपनानी होगी, इसकी जानकारी प्राप्त कर लें। इसके बाद ही पॉलिसी लेने का निर्णय लें।