नई दिल्ली। पेंशन भोगी समाज बनाने के लिए भारत को एक योजनाबद्ध तरीके से पेंशन व्यवस्था पर काम करने की जरूरत है। यह बात बुधवार को FICCI-KPMG के व्हाईट पेपर में कही गई है। 2011 के आंकड़े बताते हैं कि भारत की केवल 12 प्रतिशत कामगार जनसंख्या पेंशन योजना से लाभान्वित है। यह बताता है, कि भारत की कामगार जनसंख्या का कुछ हिस्सा ही वृद्धावस्था आय असुरक्षा की चुनौती से बच सका है।
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रिटायरमेंट योजना पर तत्काल ध्यान देने की है जरूरत
- रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में वृद्धों की तेजी से बढ़ती आबादी और पेंशन से लाभान्वित कम संख्या मिलकर ऐसी चुनौती तैयार कर रहे हैं, जिसके बारे में योजनाकारों को तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
- रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 60 से अधिक आयु वाले लोगों की संख्या 2010 से 2050 तक तीन गुना बढ़कर 33.10 करोड़ हो जाएगी।
- इस रिपोर्ट के लिए KPMG India ने इस वर्ष औद्योगिक क्षेत्र, आईटी बीपीओ, ऑटोमोटिव, स्वास्थ्य, वित्तीय सेवा, उपभोक्ता बाजार साहित विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों की पेंशन योजनाओं को जानने के लिए कर्मचारी पेंशन योजना सर्वेक्षण कराया है।
- इस सर्वे के लिये 167 व्यापारिक उद्यमों ने अपना जबाव दिया।इस सर्वे में ज्यादातर कर्मचारियों का मानना था कि कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति योजनाओं पर ज्यादा जोर दिए जाने की आवश्यकता है।
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KPMG के पार्टनर एवं प्रमुख परिजाद सिरवाला कहते हैं कि,
पेंशन क्षेत्र के इस बढ़े अंतर को ध्यान में रखते हुए दोनों पेंशन धारकों, नियामकों, EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) और PFRDA के साथ-साथ सरकार और उद्योगों को एक साथ आने की और पेंशन व्यवस्था को भारत में व्यापक और सतत बनाने की जरूरत है। भारत में पेंशन योजना सुधारों के लिए पर्याप्त संस्थागत प्रयास करने की आवश्यकता है।
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