नोटबंदी से रियल्टी सेक्टर को लगा बड़ा झटका, डेवलपरों को सफेद धन वाले खरीदारों का इंतजार
नोटबंदी के बाद रियल्टी सेक्टर को जबर्दस्त झटका लगा है। पिछले तीन माह में रियल्टी क्षेत्र के डेवलपर्स की बिक्री में 50 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।
नई दिल्ली। प्रॉपर्टी बाजार को कभी कालेधन के लिए सुरक्षित पनाहगाह समझा जाता था, लेकिन नोटबंदी के बाद इस क्षेत्र को जबर्दस्त झटका लगा है। पिछले तीन माह में रियल्टी सेक्टर के डेवलपर्स की बिक्री में 50 प्रतिशत तक गिरावट आई है। अब उनकी उम्मीद इस बात पर टिकी है कि बाजार में कुछ सफेद धन वाले खरीदार आएं।
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खरीदारों को ब्याज दरों में और गिरावट आने की है उम्मीद
- बहुत से खरीदारों ने रेजिडेंशियल मार्केट में अपनी खरीदारी अभी टाली हुई है।
- इनको उम्मीद है कि ब्याज दरों में और गिरावट आएगी और नोटबंदी की वजह से संपत्तियों के दाम और घटेंगे।
- बहुत से अन्य लोगों का मानना है कि इससे क्षेत्र से कालेधन की सफाई हो सकेगी और सफेद धन यानी ऐसा पैसा लगेगा जो सरकार की जानकारी में है और उस पर कर चुकाया गया है।
सेकंड हैंड प्रॉपर्टी बाजार नोटबंदी से सबसे अधिक प्रभावित
- उद्योग के आंकड़ों के अनुसार सेकंडरी मार्केट या सेकेंड हैंड प्रॉपर्टी बाजार नोटबंदी से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
- माना जाता है कि पुराने मकानों की खरीद-फरोख्त में सबसे अधिक कालेधन का इस्तेमाल होता है।
- सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के बाद संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन भी प्रभावित हुआ है।
प्रॉपर्टी सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक इंडिया के अनुसार,
नोटबंदी के बाद डेवलपर्स को अनुमानत: 22,600 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है जबकि राज्य सरकारों को स्टांप ड्यूटी पर 1,200 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
चेन्नई से लेकर कोलकाता, हैदराबाद से लेकर पुणे और मुंबई तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की शीर्ष रियल्टी कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि नोटबंदी से रियल एस्टेट बाजार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
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रियल्टी उद्योग के शीर्ष संगठन क्रेडाई के अध्यक्ष गीतांबर आनंद ने कहा
नवंबर-दिसंबर में नोटबंदी के बाद प्राइमरी और सेकंडरी दोनों मार्केट में संपत्ति की बिक्री प्रभावित हुई है। लोगों ने सिर्फ रियल एस्टेट नहीं बल्कि सभी क्षेत्रों में अपने खरीद के निर्णय को टाल दिया है।
ब्याज दर घटने के बाद प्रइमरी मार्केट की स्थिति में कुछ सुधार
- आनंद ने कहा कि बैंकों द्वारा ब्याज दरें कम करने के बाद प्राइमरी मार्केट में स्थिति कुछ सुधरी है, लेकिन सेकंडरी मार्केट में अभी कुछ समय लगेगा।
- आठ बड़े शहरों में प्राइमरी रेजिडेंशियल मार्केट में अक्टूबर-दिसंबर में बिक्री में 44 प्रतिशत की गिरावट आई है।
- इस दौरान रेजिडेंशियल यूनिट्स की बिक्री का आंकड़ा 41,000 इकाई रहा। वहीं नई पेशकश में करीब 61 प्रतिशत की गिरावट आई है।
दिल्ली-एनसीआर के बाजार में घरों की बिक्री में 53 फीसदी की गिरावट
- दिल्ली-एनसीआर के बाजार में घरों की बिक्री में सबसे अधिक 53 प्रतिशत की गिरावट आई।
- चौथी तिमाही में मुंबई में बिक्री 50 प्रतिशत घटी है जबकि बेंगलुरू में 45 प्रतिशत, अहमदाबाद में 43 प्रतिशत, हैदराबाद में 40 प्रतिशत, पुणे में 35 प्रतिशत, चेन्नई में 31 प्रतिशत तथा कोलकाता में 20 प्रतिशत घटी है।