नई दिल्ली। भारतीय रियल एस्टेट में इस साल 7 अरब डॉलर तक का निवेश हो सकता है। प्रॉपर्टी कंसल्टैंट सीबीआरई ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि ऐसा इस सेक्टर में तेजी से हो रहे सुधार की वजह से होगा।
सीबीआरई ने अपनी रिपोर्ट- एशिया पेसीफिक रियल एस्टेट मार्केट आउटलुक 2017, इंडिया- में कहा है कि 2017 में तकरीबन 7 अरब डॉलर का निवेश हो सकता है, जबकि 2020 तक इसके बढ़कर 10 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेशकों के सुधरते भरोसे और बेहतर पॉलिसी सुधार की वजह से भारत लगातार दुनिया की तेजी से बढ़ती जी-20 अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
सीबीआरई के चेयरमैन, भारत और साउथ ईस्ट एशिया, अंशुमान मैग्जीन ने कहा कि 2016 भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के लिए एक यादगार साल रहा है। सरकार ने इस साल पारदर्शिता लाने के साथ ही इस सेक्टर में ग्राहकों का भरोसा बढ़ाने वाले कई कदम उठाए हैं। 2017 के लिए परिदृश्य सकारात्मक है और यहां तेज ग्रोथ, स्थिरता और बाजार में सुधार की पूरी उम्मीद है।
मुंबई में मकानों के दामों पर अंकुश रखने के लिए पुरानी चालों का पुनर्विकास जरूरी
मशहूर बैंकर दीपक पारेख ने कहा है कि मुंबई में मकानों के दाम काफी नीचे आ गए हैं तथा सदियों पुराने चालों के लिए प्रस्तावित पुनर्विकास परियोजना से आपूर्ति बढ़ेगी तथा भविष्य में दामों में वृद्धि पर रोक लगेगी। आवासों के लिए स्थान क्षेत्र में अहम सुधारों के लिए देवेंद्र फड़णवीस सरकार की प्रशंसा करते हुए पारेख ने कहा कि महाराष्ट्र नया आरआईआरए (रियल एस्टेट विनियमन अधिनियम) अपनाने वाला पहला राज्य बन गया है, जो अगले महीने प्रभाव में आ जाएगा तथा वह मकान खरीददारों को बिल्डरों के हाथों किसी भी शोषण से बचाएगा।
उन्होंने कहा, पहली बार, मैं देख सकता हूं कि मुंबई में जीवन की गुणवत्ता सुधारने और देश की इस वाणिज्यिक राजधानी में कारोबार को और सुगम बनाने के लिए किसी ने सभी तीन अहम क्षेत्रों- परिवहन, आवास और बुनियादी ढांचे में संगठित प्रयास किया है।
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