नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने सरकार के अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोग्राम की समीक्षा करने के लिए एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्राइवेट बिल्डर्स को भी बुलाया गया है। सरकार का लक्ष्य 2022 तक सभी को अपना घर प्रदान करना है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ही यह बैठक बुलाई गई है।
सूत्रों के मुताबिक अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट को लॉन्च करने में प्राइवेट डेवलपर्स के सामने आ रही समस्याओं को जानने और उन्हें दूर करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्राइवेट बिल्डर्स की संस्था क्रेडाई और नरेडको को इस बैठक में बुलाया है। क्रेडाई इस बैठक में एक प्रजेंटेशन के जरिये यह बताएगी कि कैसे देश में अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट को बढ़ावा दिया जा सकता है और कैसे खरीदारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी का फायदा दिलाया जा सकता है।
करीब दो माह पहले शहरी विकास और आवास तथा शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा था कि वह इस बात से बहुत निराश हैं कि प्राइवेट बिल्डर्स की ओर से अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए एक भी आवेदन उनके पास नहीं आया है। उन्होंने कहा था कि इसके पीछे के कारण को खोजने की आवश्यकता है।
रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट देने के लिए सरकार ने इस साल के बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दे दिया है। 31 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए साल में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लिए जाने वाले होम लोन पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी देने की घोषणा की थी।
नए साल की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में गरीबों के लिए 33 प्रतिशत अधिक घर बनाए जाएंगे। इसके अलावा, शहरी इलाको में 9 लाख और 12 लाख रुपए तक के होम लोन पर क्रमश: 4 प्रतिशत और 3 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी दी जाएगी, जबकि ग्रामीण इलाकों में 2 लाख रुपए तक के लोन पर 3 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी दी जाएगी।
मोदी ने कहा था कि आजादी के इतने सालों बाद भी लाखों गरीबों के पास अपना घर नहीं है। हमारी अर्थव्यवस्था में कालाधन बढ़ा है, ऐसे में घर का सपना पूरा करना मध्यम वर्ग की पहुंच से भी बाहर हो गया है। सरकार गरीब, निम्न मध्यम वर्गीय और मध्यम वर्गीय परिवारों को घर उपलब्ध कराने के लिए कई बड़े फैसले ले रही है।
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