नई दिल्ली। अगर आपने अबतक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो अब और देर मत कीजिए, क्योंकि शुल्क मुक्त आयकर दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 है। इसके बाद आयकर दाखिल करने वालों को 5,000 रुपए जुर्माना भरना पड़ेगा। आयकर अधिनियम की धारा 139 (1) के तहत आकलन वर्ष 2018-19 के दौरान रिटर्न दाखिल करने के लिए निर्धारित समय के भीतर आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर अधिनियम की धारा 234एफ के तहत विलंब शुल्क देना होगा।
अगर किसी करदाता की कुल आय पांच लाख रुपए से अधिक है और वह 31 जुलाई 2018 के बाद और 31 दिसंबर, 2018 के पहले आयकर रिटर्न दाखिल करेगा तो उसे 5,000 रुपए विलंब शुल्क देना होगा।
अगर करदाता 31 दिसंबर, 2018 तक भी आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करता है तो उसे 10,000 रुपए जुर्माना भरना पड़ेगा। करदाता 31 मार्च, 2019 तक 10,000 रुपए विलंब शुल्क के साथ आयकर रिटर्न दाखिल कर सकता है। इसके बाद आयकर आकलन वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल नहीं होगा।
अगर किसी करदाता की कुल आय पांच लाख रुपए से कम है तो उसे 31 जुलाई के बाद सिर्फ 1,000 रुपए विलंब शुल्क देना होगा। आयकर विशेषज्ञ महिमा जैन ने कहा कि शुल्क मुक्त आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए अभी 10 दिन बाकी है, लेकिन करदाताओं को शीघ्र रिटर्न दाखिल करना चाहिए, ताकि जुर्माना नहीं भरना पड़े।
उन्होंने कहा कि आयकर रिटर्न भरना अब आसान है और लोग खुद भी ऑनलाइन रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। आयकर विशेषज्ञ ने बताया कि 31 जुलाई तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर 5,000 रुपए जुर्माना लगेगा और 31 दिसंबर तक भी अगर कोई रिटर्न दाखिल नहीं करेगा तो उसे 10,000 रुपए जुर्माना भरना पड़ेगा। लेकिन 31 मार्च, 2019 तक भी अगर कोई रिटर्न दाखिल नहीं करता है तो फिर संबद्ध आकलन वर्ष के लिए रिटर्न दाखिल नहीं होगा।"
उन्होंने कहा कि पैनकार्ड के जरिए आयकर विभाग के पास सभी जानकारी चली जाती है। ऐसी स्थिति में विभाग कर दाखिल नहीं करने वालों को नोटिस जारी कर सकता है।
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