Mind It: Sukanya Samriddhi योजना के नियमों में हुए ये 10 बड़े बदलाव, निवेश से पहले रखें इनका ध्यान
Sukanya Samriddhi Scheme was launched in January 2015. Government reviewed the scheme and has brought few changes
नई दिल्ली। बेटी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए 2015 में लॉन्च की गई सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi) में सरकार की ओर से 10 बड़े बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों के बाद इस योजना को सुकन्या समृद्धि एकाउंट स्कीम 2016 का नाम दे दिया गया है। यह योजना अपने शुरूआती दिनों में सबसे ऊंची ब्याज दर वाली लघु बचत योजना की वजह से लोकप्रिय हुई। लोकिप्रियता का अंदाजा इस योजना से जुड़े बीते एक साल के आंकड़ों पर नजर डालकर ही लगा सकते हैं। लॉन्च होने के महज 15 महीनों के भीतर देशभर में इस योजना के तहत कुल 76 लाख एकाउंट खोले जा चुके हैं जिनमें 2,800 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि जमा की जा चुकी है।
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सुकन्या समृद्धि योजना में हुए ये 10 बड़े बदलाव
1. नए नियम के तहत सुकन्या एकाउंट गोद ली हुई बिटिया के नाम पर भी खुलावाया जा सकता है। पुराने नियम के अनुसार यह एकाउंट केवल अपने बच्चे या फिर नाबालिग शिशु की स्थिति में संरक्षक खोल सकते थे।
2. सुकन्या समृद्धि खाता योजना का लाभ केवल भारत की नागरिकता वाली लड़की ही उठा सकती है। अगर खाताधारक खाता खोलने के बाद एनआरआई बन जाती है तो एकाउंट बंद कर दिया जाएगा और इस पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा।
3. पुराने नियम के अनुसार ब्याज दरें सालाना आधार पर घोषित की जाती थीं। लेकिन अब सरकार समय-समय पर इनमें बदलाव कर सकती है। अप्रैल 2016 से जून 2016 तक के लिए 8.6 फीसदी प्रति साल की ब्याज दरें घोषित की गई हैं।
4. पुराने नियम के अनुसार बिटिया के 14 वर्ष की आयु पूरी कर लेने तक ही राशि जमा कर सकते थे, लेकिन सरकार ने यह सीमा 15 वर्ष तक की आयु कर दी है।
5. पुराने नियम के अनुसार ब्याज पाने के लिए हर वर्ष न्यूनतम 1000 रुपए जमा करने अनिवार्य थे। नए नियम के मुताबिक यदि आप न्यूनतम राशि का भुगतान नहीं करते तो सुकन्या समृद्धि एकाउंट का ब्याज नहीं मिलेगा। एकाउंट इंटरेस्ट का केवल 4 फीसदी ही मिलेगा।
6. इस खाते में किसी भी वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक की राशि जमा करा सकते हैं। यदि कोई गलती से इस राशि से ज्यादा जमा कर देता है तो वह जब चाहे तब उस राशि की निकासी कर सकता है।
7. अब तक इस खाते में नकद/चेक या फिर डिमांड ड्राफ्ट के जरिए ही पैसे जमा कर सकते थे, लेकिन अब ऑनलाइन पेमेंट का भी प्रावधान है।
8. पासबुक गुम हो जाने पर नई पासबुक 50 रुपए की राशि का भुगतान करने पर इश्यू करवाई जा सकती है।
9. बिना किसी अतिरिक्त चार्जेस के एकाउंट को बैंक से पोस्ट ऑफिस और पोस्ट ऑपिस से बैंक में ट्रांस्फर करवाया जा सकता है। माता पिता या फिर संरक्षक को अपने घर का पता बदलने के प्रमाण उपलब्ध करवाने होंगे। यदि घर का पता नहीं बदला गया है तो 100 रुपए की राशि देकर ट्रांस्फर करवाया जा सकता है।
10. पुराने नियम के अनुसार मैच्योरिटी के बाद यानि कि एकाउंट खोलने के 21 वर्षों के बाद भी अगर खाताधारक एकाउंट बंद नहीं करावाता उस स्थिति में उसे एकाउंट बंद कराने तक ब्याज मिलता रहता। लेकिन नए नियम के अनुसार एकाउंट के मैच्योर होते ही किसी भी तरह का कोई भी ब्याज नहीं दिया जाएगा।
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