नई दिल्ली। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक लिमिटेड को एक खरीददार के 41 लाख रुपए वापस करने का आदेश देते हुए कहा कि रियल्टर अनुचित कारोबार में शामिल था। खरीददार ने कंपनी की एक परियोजना में एक अपार्टमेंट खरीदा था। NCDRC ने कंपनी को हरियाणा निवासी डीके माथुर को 41,15,320 रुपए वापस करने का आदेश देते हुए कहा, जिस व्यक्ति को अपार्टमेंट आवंटित किया गया है, उसे अनिश्चितकाल तक अपार्टमेंट का कब्जा देने के लिए इंतजार नहीं कराया जा सकता। आयोग ने यह भी कहा कि कंपनी अपार्टमेंट का कब्जा सौंपने की स्थिति में नहीं है।
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NCDRC के पीठासीन सदस्य अजित भरिहोक के नेतृत्व वाली पीठ ने माथुर को मुकदमे के खर्च के तौर पर 10,000 रुपए भी देने के लिए कहा। पीठ ने कहा कि कंपनी अपार्टमेंट का कब्जा देने के वादे के 8 साल बाद भी उसका कब्जा देने में नाकाम रही। NCDRC ने कहा कि प्रतिवादी कंपनी इस स्थिति में नहीं है कि वह अपार्टमेंट का कब्जा देने की स्थिति में नहीं है। कंपनी 10 फीसदी सालाना ब्याज के साथ राशि वापस करे।
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शिकायतकर्ता के अनुसार, वर्ष 2006 में माथुर में 41 लाख रुपए दिए थे और उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में आवासीय परियोजना यूनिटेक होरिजोन में एक अपार्टमेंट बुक किया था। माथुर को वर्ष 2008 के अंत में अपार्टमेंट का कब्जा देने का वादा किया गया था लेकिन कंपनी उसे कब्जा देने में नाकाम रही।
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