नई दिल्ली। रियल्टी क्षेत्र के संगठन नैशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (Naredco) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर निर्माणाधीन संपत्तियों की बिक्री पर लगाए गए GST को 12 फीसदी के बजाए 6 फीसदी करने की मांग की है। फिलहाल इस पर 12 प्रतिशत की दर लगाई गई है। संगठन का मानना है कि ऊंची दर से GST लगाने से महंगाई बढ़ेगी और मकानों की बिक्री प्रभावित होगी। Naredco ने कहा कि सस्ते मकानों को GST से छूट मिलनी चाहिए। सरकार की तरफ से सस्ते मकानों की योजनाओं को ढांचागत क्षेत्र का दर्जा मिलने और ब्याज सहायता उपलब्ध कराए जाने के बाद इस तरह की योजनाओं ने गति पकड़ी है। देश में GST एक जुलाई से लागू होने जा रहा है।
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Naredco का कहना है कि GST व्यवस्था में निर्माणाधीन मकानों पर 12 प्रतिशत की दर से GST लगाए जाने का प्रस्ताव किया गया है। GST मकान की कुल कीमत पर लगेगा जिसमें जमीन की लागत भी शामिल है। इसके अलावा बिक्री मूल्य पर 5 से 6 प्रतिशत की दर से स्टांप शुल्क भी लगाया जाता है।
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Naredco के 17 जून को प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा गया है कि निर्माणाधीन रियल एस्टेट संपत्तियों पर इस प्रकार कुल मिलाकर 18 प्रतिशत की दर से कर बोझ पड़ेगा जिसके कारण मकान महंगे होंगे। प्रधानमंत्री को भेजे इस पत्र की एक कॉपी वित्त मंत्री अरुण जेटली और राजस्व सचिव हसमुख अधिया को भी भेजी गई है।
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