नई दिल्ली। रियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष निकाय नारेडको ने GST के तहत रियल एस्टेट क्षेत्र पर 12 फीसदी कर लगाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मकान की कीमतों पर महंगाई का दबाव नहीं पड़ेगा। संगठन ने यह भी कहा कि एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (GST) के प्रभाव में आने से न तो खरीदारों और न ही डेवलपरों के लिए कर प्रभावों में बढ़ोतरी होगी।
यह भी पढ़ें : सरकार का PMAY के तहत 2017-18 में 12 लाख मकान बनाने का लक्ष्य, 2022 तक सबका होगा अपना घर
हालांकि, नारेडको का यह बयान रियल एस्टेट क्षेत्र की कंपनियों के संगठन क्रेडाई से अलग है। क्रेडाई ने राज्य सरकारों से GST के लागू होने के बाद इस क्षेत्र को विभिन्न स्तरों पर कर की मार से बचाने के लिए अचल संपत्ति पर स्टांप ड्यटी खत्म करने की अपील की है। उसने कहा कि जबतक सरकार जमीन पर एबेटमेंट (छूट) नहीं उपलब्ध कराती तब तक खरीदारों की लागत बढ़ेगी।
यह भी पढ़ें : DDA जल्द लॉन्च करेगी 12,000 फ्लैटों की नई आवासीय योजना, खरीदारों के लिए नियमों में किया बड़ा बदलाव
नारेडको और क्रेडाई के GST के प्रभाव को लेकर अलग-अलग आकलन से क्षेत्र में नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में भ्रम की स्थिति का पता चलता है। नारेडको ने जहां कहा है कि GST के एक जुलाई से लागू होने के बाद मकान की कीमतों पर मुद्रस्फीतिक दबाव नहीं पड़ेगा। वहीं क्रेडाई ने कहा कि जबतक सरकार जमीन पर एबेटमेंट नहीं उपलब्ध कराती, खरीदारों की लागत बढ़ेगी।
नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के चेयरमैन राजीव तलवार ने कहा कि,
GST के तहत वास्तविक कर प्रभाव मौजूदा स्तर पर या उससे कम होगा। फिलहाल क्षेत्र पर जो कई अप्रत्यक्ष कर लगते हैं, उससे मुक्ति मिलेगी। मकान की कीमतों पर कोई मुद्रास्फीतिक दबाव नहीं होगा।
Latest Business News