श्रम मंत्रालय ने बहाल की पेंशन कोष से आंशिक निकासी की सुविधा, 6.3 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा फायदा
मंत्रालय के ताजा निर्णय के अनुसार ऐसे पेंशनभोगियों को 15 साल बाद पूरी पेंशन प्राप्त होगी।
नई दिल्ली। श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के कर्मचारी पेंशन योजना के तहत पेंशन कोष से आंशिक निकासी की सुविधा (कम्युटेशन) बहाल करने के निर्णय को लागू कर दिया है। इस कदम से 6.3 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा। पेंशन कम्युटेशन के तहत अंशधारकों को अग्रिम रूप से पेंशन कोष से आंशिक निकासी की सुविधा मिलती है। इस सुविधा का लाभ लेने पर पेंशन राशि 15 साल तक घटी हुई दर से मिलती है।
मंत्रालय के ताजा निर्णय के अनुसार ऐसे पेंशनभोगियों को 15 साल बाद पूरी पेंशन प्राप्त होगी। श्रम मंत्रालय ने ईपीएफओ के 25 सितंबर 2008 को या उसके पहले पेंशन कोष से आंशिक निकासी की सुविधा का लाभ उठाने वाले पेंशनभोगियों का पेंशन बहाल करने के निर्णय को लेकर अधिसूचना 20 फरवरी को अधिसूचित की। इसके लिए ईपीएफओ की पेंशन योजना को संशोधित किया गया है। अधिसूचना के अनुसार योजना के पूर्व 12ए पैराग्राफ के तहत जिन सदस्यों ने 25 सितंबर 2008 को या उसके पहले आंशिक निकासी सुविधा का लाभ उठाया था, उनकी पेंशन इस सुविधा का लाभ लेने के 15 साल पूरा होने के बाद बहाल कर दी गई है।
इस निर्णय से 6.3 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित हुए हैं। इन लोगों ने 25 सितंबर 2008 को या उसके पहले अपनी पेंशन से आंशिक निकासी का विकल्प चुना था। ईपीएफओ ने पेंशन कोष से आंशिक निकासी का प्रावधान वापस ले लिया था। अब इस सुविधा को उन लोगों के लिए बहाल कर दिया गया है, जिन्होंने 25 सितंबर 2008 को या उसके पहले इसका विकल्प चुना था।
पेंशन कम्युटेशन के तहत पेंशन में अगले 15 साल तक एक तिहाई की कटौती होती है और घटी हुई राशि एक मुश्त दे दी जाती है। 15 साल बाद पेंशनभोगी पूरी राशि लेने का हकदार होता है। उल्लेखनीय है कि अगस्त 2019 में श्रम मंत्री की अध्यक्षता में ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 6.3 लाख पेंशनभोगियों के लिए कम्युटेशन की सुविधा बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
पूर्व में ईपीएसफ-95 के तहत सदस्यों को अपनी पेंशन का 10 साल के लिए का एक तिहाई की कटौती की अनुमति थी। पूरी पेंशन 15 साल बाद बहाल हो जाती थी। केंद्र सरकार के कुछ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए यह सुविधा अब भी उपलब्ध है।