लोन का गारंटर बनने में जोखिम नहीं हैं कम, बिना शर्तों को समझे फॉर्म पर साइन करना पड़ सकता है भारी
आम तौर पर रिश्ते का लिहाज करते हुए और कभी-कभी यूं ही आप उनकी जरूरत को पूरी करते हुए लोन के गारंटर बन जाते हैं। जानिए, गारंटर बनने में क्या हैं रिस्क।
नई दिल्ली। घर खरीदना हो या कार या फिर इमरजेंसी में आपका कोई दोस्त या रिश्तेदार लोन ले रहा हो तो संभव है वह आपसे गारंटर बनने को कहें। आम तौर पर रिश्ते का लिहाज करते हुए और कभी-कभी यूं ही आप उनकी जरूरत को पूरी करते हुए लोन के गारंटर बन जाते हैं। आपने कभी सोचा है कि किसी के लोन के गारंटर बनने में क्या रिस्क है और आपको इससे किस तरह का नुकसान हो सकता है। आइए, आज इसी विषय पर चर्चा करते हैं।
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SBI card
लोन लेते समय इसलिए होती है गारंटर की जरूरत
- हो सकता है जो व्यक्ति लोन ले रहा हो उसका ट्रैक रिकॉर्ड पुराने लोन के रिपेमेंट के मामले में दुरुस्त न हो।
- गारंटर की जरूरत तब भी होती है जब लोन लेने वाले व्यक्ति की इनकम पर्याप्त न हो।
- सभी प्रकार के लोन के लिए हमेशा ही गारंटर की जरूरत नहीं होती। बैंकों की क्रेडिट पॉलिसी के अनुसार गारंटर की डिमांड की जाती है।
- सरल शब्दों में कहें तो अगर कर्ज लेने वालेे की पात्रता में कमी है या बैंक को कर्ज देने में ज्यादा जोखिम नजर आता है तो गारंटीी मांगी जाती है।
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गारंटर बनते समय इन बातों को न करें नजरअंदाज
- अगर लोन लेने वाला डिफॉल्ट कर जाता है तो एक लोन गारंटर के तौर पर आप उस व्यक्ति द्वारा लिए जाने वाले लोन के रिपेमेंट की जिम्मेदारी उठाते हैं।
- इसलिए, गारंटर बनते समय आपको अपनी आय और एसेट्स की पूरी जानकारी बैंक को देनी होती है।
गारंटर बनने के ये हैं जोखिम
- अगर लोन लेने वाला व्यक्ति रिपेमेंट में डिफॉल्ट करता है तो बैंक इसके लिए आपसे संपर्क करेंगे।
- अगर आप उस व्यक्ति के लोन का रिपेमेंट नहीं करवा पाते हैं या खुद नहीं करते हैं तो बैंक आपके एसेट्स जब्त कर सकते हैं।
- दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि लोन लेने वाला व्यक्ति अगर डिफॉल्ट करता है तो एक गारंटर होने के नाते आपका क्रेडिट स्कोर भी प्रभावित होता है।
- ऐसा भी संभव है कि अगर आप 35 लाख रुपए के होम लोन के लिए एलिजिबल हैं और 25 लाख रुपए होम लोन लेना चाहते हैं तो 20 लाख रुपए के लोन का गारंटर बनने के कारण आपकी लोन एलिजिबिलिटी घट कर मात्र 15 लाख रुपए रह जाए।
गारंटर बनते समय बरतें ये सावधानियां
- गारंटर बनने के बाद आप अपनी जिम्मेदारियों से निजात नहीं पा सकते। ऐसा सिर्फ तभी संभव है जब लोन लेने वाला और बैंक दोनों आपके आवेदन से सहमत हों।
- बैंक के नियम एवं शर्तों का खुद से अध्ययन करें। लोन के कॉन्ट्रैक्स की राशि चेक कर लें कि कहीं यह बताई गई राशि से ज्यादा तो नहीं है।
- यह भी गौर करें कि अगर लोन लेने वाला व्यक्ति डिफॉल्ट करता है तो बैंक कितनी अवधि के बाद आपसे संपर्क करेगा।