इंवेस्टमेंट से पहले इन बातों का रखा ध्यान, तो रिटर्न मिलेगा 100% टैक्स फ्री
इंवेस्टमेंट प्लानिंग के दौरान हम अक्सर टैक्स का कैल्कुलेशन नहीं करते। जिसके कारण भले ही कागजों पर हमें अपने इंवेस्टमेंट अच्छा रिटर्न दिख रहा हो।
नई दिल्ली। इंवेस्टमेंट प्लानिंग के दौरान हम अक्सर टैक्स का कैल्कुलेशन नहीं करते। जिसके कारण भले ही कागजों पर हमें अपने इंवेस्टमेंट अच्छा रिटर्न दिख रहा हो। लेकिन वास्तव में टैक्स काटने के बाद हमारे हाथ खाली ही रह जाते हैं। ऐसे में टैक्स की प्लानिंग इंवेस्टमेंट से पहले ही कर ली जाए तो बेहतर है। आईए, इंडिया टीवी पैसा की टीम बता रही है कुछ ऐसे तरीकों के बारे में, जिनके द्वारा आप नियमों के दायरे में रहते हुए अपने इंवेस्टमेंट पर ङुई आमदनी पर टैक्स बचा सकते है। नजर डालते हैं 6 तरीकों पर, जो आपको टैक्स फ्री इनकम हासिल करने में मदद कर सकेंगे। Insure Child: ट्रेडिशनल सेविंग्स प्लान से अच्छे हो सकते हैं ये इंवेस्टमेंट ऑप्शंस
1. पत्नी के नाम से कीजिए इंवेस्टमेंट
यदि आप अपनी पत्नी को कुछ राशि गिफ्ट कर रहे हैं तो उसपर कोई टैक्स नहीं लगता है। लेकिन अगर इस राशि को इंवेस्ट करते हैं तो यह इनकम में जुड़ जाता है। यह प्रोविजन चोरी रोकने के लिए सेक्शन 60 के तहत आता है। टैक्स आपकी इनकम पर लगता है तो पत्नी के नाम पर की गई इंवेस्टमेंट से आपको भी फायदा होता है। यदि आप इसे फिर से इंवेस्ट करते हैं तो इसपर होने वाला प्रॉफिट केवल आपकी पत्नी का होगा। इस तरह का लाभ उठाने के लिए अपनी पतिनी को गिफ्ट करें और इसे किसी टैक्स फ्री इंस्ट्रूमेंट में निवेश कर दें। इसे होने वाली आमदनी आपकी इनकम में जुड़ जाती है मगर आपकी टैक्स लायबिलिटी नहीं बढ़ेगी। वित्तीय योजनाओं में जरूर बनाए नॉमिनी, आपकी संपत्ति को रखता है सुरक्षित
2. नाबालिग के बच्चे के नाम पर करें इंवेस्टमेंट
यदि कोई माता पिता अपने नाबालिग बच्चे के नाम पर इंवेस्टमेंट करता है तो इनकम माता पिता के साथ जोड़ी जाती है। इस तरह की इंवेस्टमेंट पर हर साल प्रति बच्चे पर 1500 रुपए की एग्जेम्शन मिलती है।
3. बालिग बच्चों के नाम पर भी बचा सकते हैं टैक्स
अपने बालिग बच्चा के नाम पर इन्वेस्टमेंट कर के आप अच्छी खासी रकम की बचत कर सकते हैं। 18 वर्ष के बाद व्यक्ति को अडल्ट की श्रेणी में आ जाता है और टैक्स के प्रति उसकी व्यक्तिगत देनदारी होती है। यानि कि उसकी इनकम माता पिता की इनकम के साथ नहीं जोड़ी जाएगी और किसी भी अन्य अडल्ट टैक्सपेयर की तरह एग्जेम्पशन और डिडक्शन का लाभ होगा। 18 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे को रकम गिफ्ट करना और फिर टैक्स फ्री इनकम के लिए इन्वेस्ट करना पूरी तरह से कानूनी है।
4. पैरंट्स के नाम पर करें इंवेस्टमेंट
यदि माता पिता में से किसी की भी ज्यादा इनकम नहीं है और आप 30 फीसद के ऊपर के स्लैब में आते हैं तो उनके नाम पर इंवेस्टमेंट पर कर के टैक्स फ्री इनकम कमा सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को एक साल में ढाई लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री होती है। सीनियर सिटिजंस यानि कि 60 साल से ऊपर के लोगों के लिए यह लिमिट 3 लाख रुपए सालाना है। माता पिता के मामले में इनकम टैक्सपेयर की आमदनी के साथ नहीं जोड़ी जाती है।
5. ULIP प्लान को करें रिवाइव
अपने ULIP प्लान का इस्तेमाल टैक्स फ्री इनकम के लिए कर सकते है। ध्यान दें कि सारा बकाया प्रीमियम एक बार में चुका दें। साथ ही पॉलिसी प्रीमियम न चुकाने की वजह से लैप्स नहीं होनी चाहिए। प्रीमियम भुगतान के समय उन पर लगने वाले चार्जेज पर भी गौर करें।
6. हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF)
आप हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली के द्वारा सेविंग लिमिट और एग्जेम्पशन दो गुना कर सकते है। किसी भी अन्य इंडिविजुअल टैक्सपेयर की तरह ही एग्जेम्पशन और डिडक्शन मिलती हैं। यानि कि कर्ता को सालाना अतिरिक्त टैक्स एग्जेम्पशन, सेक्शन 80सी और 80डी के तहत अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन और साथ ही कम टैक्स स्लैब का लाभ मिलता है। द्यान रहे कि यह विकल्प सिर्फ हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध पुरुषों को ही मिलता है। उनका शादीशुदा होना अनिवार्य है।