आसानी से कर्ज दिलाता है अच्छा क्रेडिट स्कोर, इन 5 खास बातों का रखें हमेशा ध्यान
सुनिश्चित करें कि हर महीने EMI के पेमेंट के लिए संबंधित लोन अकाउंट में पर्याप्त राशि उपलब्ध रहे। क्रेडिट कार्ड के पेमेंट की तारीख भी याद रखना सुनिश्चित करें।
नई दिल्ली: क्रेडिट स्कोर से किसी व्यक्ति की फाइनेंशियल हेल्थ का पता चलता है। क्रेडिट स्कोर असल में क्रेडिट रेटिंग कंपनियों द्वारा क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर किसी कर्जदार की साख को लेकर संभावित कर्जदाताओं के सामने पेश की गई 3 अंकों की संख्या है। स्कोर 300-900 के बीच होता है और 750 या इससे अधिक स्कोर को अच्छा माना जाता है। क्रेडिट स्कोर ऋणदाता को यह बताता है कि ऋण लेने वाला निर्धारित समय में उसे चुकाने में कितना सक्षम है।
एक अच्छा स्कोर किसी व्यक्ति को विश्वसनीय और योग्य बनाता है, जिससे उसे बेहतर ब्याज दर मिलने की उम्मीद बढ़ती है और सबसे अनुकूल शर्तों के साथ लोन व क्रेडिट कार्ड तक पहुंच समेत कई लाभ का रास्ता उनके सामने खुलता है। अच्छी वित्तीय आदतों के अभ्यास से अच्छा क्रेडिट स्कोर पाया जा सकता है। क्रेडिट स्कोर कैसे अच्छा बनाएं इसपर सीएसआर एंड कम्युनिकेशंस होम क्रेडिट इंडिया की वाइस प्रेसिडेंट निधि मलिक ने जानकारी साझा की है।
अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखने के लिए इन 5 पॉइंट का रखें ख्यान:
- हेल्दी पेमेंट हिस्ट्री बनाए रखें
क्रेडिट स्कोर किसी की पेमेंट हिस्ट्री पर बहुत निर्भर करता है, क्योंकि इससे पता चलता है कि कोई उधारकर्ता कितनी जिम्मेदारी से भुगतान करता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि यदि लोन, ईएमआई या क्रेडिट कार्ड की कोई रीपेमेंट शेड्यूल है, तो समय पर पेमेंट करें, जिससे क्रेडिट स्कोर पर कोई नकारात्मक प्रभाव ना पड़े। ड्यू-डेट अलर्ट लगाना, रिमाइंडर सेट करना या नियमित भुगतान के लिए ऑटोमैटिक पेमेंट जैसे तरीके डिफॉल्ट को रोक सकते हैं। सुनिश्चित करें कि हर महीने EMI के पेमेंट के लिए संबंधित लोन अकाउंट में पर्याप्त राशि उपलब्ध रहे। क्रेडिट कार्ड के पेमेंट की तारीख भी याद रखना सुनिश्चित करें। जब क्रेडिट कार्ड बिल का पूरा भुगतान करने में असमर्थ हो तो न्यूनतम देय राशि का भुगतान सुनिश्चित करें।
- क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो बनाए रखें
क्रडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो से किसी के क्रेडिट यूजेज का पता चलता है। इसकी गणना किसी व्यक्ति को उपलब्ध कुल क्रेडिट द्वारा उसके उपयोग किए गए क्रेडिट को विभाजित करके होती है। यह क्रेडिट स्कोर का दूसरा प्रमुख कारक है। आदर्श रूप से क्रेडिट यूटिलाइडेशन रेश्यो कुल उपलब्ध क्रेडिट लिमिट के 30 फीसदी से कम होना चाहिए। क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो जितना कम होगा, वित्तीय सुरक्षा की दृष्टि से उच्च क्रेडिट स्कोर के लिए यह उतना ही अधिक फायदेमंद होगा।
- नियमित रूप से अपना स्कोर जांचे
क्रेडिट स्कोर में विसंगतियों का पता लगाने और क्रेडिट अधिकारियों को तुरंत सूचित करने के लिए समय-समय पर जांच की जरूरत होती है। क्रेडिट रिपोर्ट पर नजर रखने से यह जानने में भी मदद मिलती है कि कौन सी बात लोने के पक्ष या विपक्ष में जा सकती है। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि एक व्यक्ति वर्ष में एक बार मुफ्त क्रेडिट स्कोर का हकदार होता है।
- पुराने अकाउंट का भी रखें ध्यान
किसी की क्रेडिट हिस्ट्री कितना लंबी है इसका भी क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है। सबसे पुराना क्रेडिट अकाउंट, सबसे नया क्रेडिट अकाउंट और सभी अकाउंट की औसत आयु के आधार गणना होती है। इसलिए पुराने बैंक खातों पर नजर रखने की सलाह दी जाती है, क्योंकि वे बैंक के साथ एक लंबे जुडाव को दर्शाते हैं, जिससे अच्छा क्रेडिट स्कार बनता है। एवरेज क्रेडिट एज जितनी ज्यादा होगी, यह आर्थिक रूप से उतना ही अधिक अनुकूल होगा,क्योंकि उन खातों की क्रेडिट हिस्ट्री क्रेडिट रिपोर्ट पर नही रहेगी।
- क्रेडिट की योजना सोच-विचार कर बनाएं
क्रेडिट स्कोर में पिछले सभी उधारों को भी ध्यान में रखा जाता है। बहुत ज्यादा बिना चुकाए हुए (अनपेड) लोन से क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंच सकता है, क्योंकि इससे फाइनेंस मैनेजमेंट में व्यक्ति की असमर्थता दिखती है। क्रेडिट स्कोर को स्थिर और बेहतर बनाए रखने की दिशा में समय पर उठाए गए कदम आने वाले समय में मिलकर अच्छा नतीजा देते हैं। यदि यूजर इन उपायों को अपनाता है, तो इससे उसे अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार करने में मदद मिलेगी।