नई दिल्ली। किसान विकास पत्र (केवीपी) में निवेश की गई राशि अब नौ साल पांच महीने में दोगुनी होगी। अभी तक केवीपी में निवेश की गई राशि नौ साल चार महीने में दोगुनी होती है। ब्याज दरों में गिरावट के मद्देनजर सरकार ने केवीपी की परिपक्वता की अवधि एक महीने बढ़ा दी है।
वित्त मंत्रालय ने किसान विकास पत्र नियम, 2014 में संशोधन करते हुए कहा कि एक जुलाई, 2019 से केवीपी में रखी गई राशि नौ साल पांच महीने यानी 113 माह में दोगुनी होगी। अभी तक यह नौ साल चार महीने यानी 112 माह में दोगुनी होती है।
सितंबर तिमाही के लिए किसान विकास पत्र पर देय ब्याज को घटाकर 7.6 प्रतिशत कर दिया गया है। अप्रैल-जून की अवधि में यह 7.7 प्रतिशत था। सरकार लघु बचत के उत्पादों पर ब्याज दरों में प्रत्येक तिमाही में संशोधन करती है।
कोई भी व्यक्ति केवीपी में 1,000 रुपए के गुणांक में निवेश कर सकता है। केवीपी 1,000 रुपए, 5,000 रुपए, 10,000 रुपए और 50,000 रुपए के मूल्य में जारी किया जाता है। केवीपी की बिक्री डाकघरों से की जाती है। केवीपी सर्टिफिकेट को जारी करने की तारीख के बाद ढाई साल में भुनाया जा सकता है।
ढाई साल बाद परिपक्वता अवधि से पहले केवीपी को भुनाने पर प्रत्येक 1,000 रुपए के निवेश पर 1,173 रुपए मिलेंगे। तीन साल के बाद केवीपी को भुनाने पर प्रत्येक 1,000 रुपए पर 1,211 रुपए और साढ़े तीन साल बाद निकासी पर प्रत्येक 1,000 रुपए पर 1,251 रुपए दिए जाएंगे। नौ साल और पांच महीने में केवीपी में किया गया निवेश दोगुना हो जाएगा।
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