Smart Invest: इंवेस्टमेंट की प्लानिंग में टैक्स का भी रखें ख्याल, यहां निवेश कर पा सकते हैं बेहतर रिटर्न
इंडिया टीवी पैसा की टीम बता रही है ऐसे प्लानिंग के बारे में, जिनसे आप नियमों के दायरे में रहते हुए अपने इंवेस्टमेंट पर ङुई आमदनी पर टैक्स बचा सकते है।
नई दिल्ली। हम सभी अपने आने वाले समय को बेहतर बनाने के लिए निवेश करते हैं। लेकिन निवेश का फायदा तभी है जब वास्तविक रूप से आपको लाभ पहुंचे। अक्सर लोग दूसरों की देखा देखी विभिन्न इंवेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर देते हैं। लेकिन जब वास्तविक रिटर्न पाने की बारी आती है तो उनके हाथ कुछ भी नहीं लगता। ऐसा इसलिए क्योंकि वे इंवेस्टमेंट के वक्त टैक्स का कैल्कुलेशन और सही प्लानिंग ही नहीं करते। ऐसे में उन्हें रिटर्न तो काफी बेहतर मिलता है, लेकिन वास्तविक रूप से हाथ कुछ भी नहीं आता। ऐसे में इंडिया टीवी पैसा की टीम बता रही है कुछ ऐसे तरीकों के बारे में, जिनके द्वारा आप नियमों के दायरे में रहते हुए अपने इंवेस्टमेंट पर ङुई आमदनी पर टैक्स बचा सकते है।
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अपने इंवेस्टमेंट में जीवन साथी को भी बनाएं साझीदार
आपकी पत्नी सिर्फ आपकी जीवन साथी ही नहीं बल्कि आपका टैक्स बचाने में भी बराबर से हाथ बंटा सकती है। आयकर कानून के मुताबिक यदि आप अपनी पत्नी को कुछ राशि बतौर तोहफे के रूप में दे रहे हैं तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगता है। लेकिन अगर इस राशि को इंवेस्ट करते हैं तो यह इनकम में जुड़ जाता है। यह प्रोविजन चोरी रोकने के लिए सेक्शन 60 के तहत आता है। टैक्स आपकी इनकम पर लगता है तो पत्नी के नाम पर की गई इंवेस्टमेंट से आपको भी फायदा होता है। यदि आप इसे फिर से इंवेस्ट करते हैं तो इसपर होने वाला प्रॉफिट केवल आपकी पत्नी का होगा।
बालिग या नाबालिग बच्चे भी बचा सकते हैं आपका टैक्स
आपका बच्चा यदि बालिग है या नाबालिग, दोनों स्थितियां आपको टैक्स से राहत दे सकती हैं। यदि कोई माता पिता अपने नाबालिग बच्चे के नाम पर इंवेस्टमेंट करता है तो इनकम माता पिता के साथ जोड़ी जाती है। इस तरह की इंवेस्टमेंट पर हर साल प्रति बच्चे पर 1500 रुपए की एग्जेम्शन मिलती है। वहीं अपने बालिग बच्चा के नाम पर इन्वेस्टमेंट कर के आप अच्छी खासी रकम की बचत कर सकते हैं। 18 वर्ष के बाद व्यक्ति को अडल्ट की श्रेणी में आ जाता है और टैक्स के प्रति उसकी व्यक्तिगत देनदारी होती है। यानि कि उसकी इनकम माता पिता की इनकम के साथ नहीं जोड़ी जाएगी और किसी भी अन्य अडल्ट टैक्सपेयर की तरह एग्जेम्पशन और डिडक्शन का लाभ होगा।
माता पिता के नाम से करें निवेश और बचाएं टैक्स
यदि माता पिता में से किसी की भी ज्यादा इनकम नहीं है और आप 30 फीसदी के ऊपर के स्लैब में आते हैं तो उनके नाम पर इंवेस्टमेंट पर कर के टैक्स फ्री इनकम कमा सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को एक साल में ढाई लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री होती है। सीनियर सिटिजंस यानि कि 60 साल से ऊपर के लोगों के लिए यह लिमिट 3 लाख रुपए सालाना है। माता पिता के मामले में इनकम टैक्सपेयर की आमदनी के साथ नहीं जोड़ी जाती है।
परिवार को बनाएं हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली
आप हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली के द्वारा सेविंग लिमिट और एग्जेम्पशन दो गुना कर सकते है। किसी भी अन्य इंडिविजुअल टैक्सपेयर की तरह ही एग्जेम्पशन और डिडक्शन मिलती हैं। यानि कि कर्ता को सालाना अतिरिक्त टैक्स एग्जेम्पशन, सेक्शन 80सी और 80डी के तहत अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन और साथ ही कम टैक्स स्लैब का लाभ मिलता है। ध्यान रहे कि यह विकल्प सिर्फ हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध पुरुषों को ही मिलता है। उनका शादीशुदा होना अनिवार्य है।