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EPF’s interest rate: रिटायरमेंट इन्‍वेस्‍टमेंट के लिए सबसे बेहतर इंस्‍ट्रूमेंट है EPF, ब्‍याज दर बढ़ने से होगा फायदा

वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए अपने रिटायरमेंट के लिए डेट मार्केट में निवेश के लिए कर्मचारी भविष्‍य निधि (ईपीएफ) एक महत्‍वपूर्ण इंस्‍ट्रूमेंट है।

EPF’s interest rate: रिटायरमेंट इन्‍वेस्‍टमेंट के लिए सबसे बेहतर इंस्‍ट्रूमेंट है EPF, ब्‍याज दर बढ़ने से होगा फायदा- India TV Paisa EPF’s interest rate: रिटायरमेंट इन्‍वेस्‍टमेंट के लिए सबसे बेहतर इंस्‍ट्रूमेंट है EPF, ब्‍याज दर बढ़ने से होगा फायदा

नई दिल्‍ली। वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए अपने रिटायरमेंट के लिए डेट मार्केट में निवेश के लिए कर्मचारी भविष्‍य निधि (ईपीएफ) एक महत्‍वपूर्ण इंस्‍ट्रूमेंट है। इसलिए ईपीएफ पर मिलने वाले ब्‍याज को 8.75 फीसदी से बढ़ाकर 8.80 करने का हालिया निर्णय एक खुशखबरी है। कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्‍टी की हाल में हुई बैठक में ब्‍याज दर बढ़ाने का फैसला हुआ है। वित्‍त वर्ष 2015-16 के लिए पीएफ पर अब 8.80 फीसदी ब्‍याज मिलेगा। चारों ओर ब्‍याज दरों में कटौती का माहौल है, अधिकांश स्‍मॉल सेविंग्‍स इंस्‍ट्रूमेंट्स पर ब्‍याज दरों में कटौती की गई है और अब इन पर हर तिमाही ब्‍याज दरों में संशोधन होगा, लेकिन ईपीएफओ ने पीएफ पर ब्‍याज दरों में वृद्धि का फैसला कर कर्मचारियों को खुश किया है।

क्‍या है ईपीएफ

एक वेतनभोगी कर्मचारी हर महीने अपनी सैलरी का 12 फीसदी हिस्‍सा ईपीएफ एकाउंट में जमा करता है और इतनी ही राशि नियोक्‍ता भी कर्मचारी के एकाउंट में जमा करता है। नियोक्‍ता के योगदान का एक हिस्‍सा कर्मचारी की पेंशन स्‍कीम में जमा होता है। ईपीएफ में किए गए अंशदान पर ईपीएफओ द्वारा हर साल तय किया जाने वाला चक्रवृद्धि ब्‍याज मिलता है। जिनकी मासिक सैलरी 15,000 रुपए से अधिक है, उनके लिए ईपीएफ एक स्‍वैच्छिक स्‍कीम है। एक स्‍वैच्छिक सदस्‍य होने के नाते, आप शुरुआत में बाहर निकलने का विकल्‍प चुन सकते हैं, लेकिन बीच में या एकाउंट ट्रांसफर के दौरान आप इससे बाहर नहीं निकल पाएंगे।

टैक्‍स ट्रीटमेंट

कर्मचारी की ओर से एक वित्‍त वर्ष में 1.5 लाख रुपए तक का अंशदान इनकम टैक्‍स एक्‍ट 1961 की धारा 80 सी के तहत कर कटौती के योग्‍य होता है। कम से कम पांच साल बाद धन निकाशी और उस पर मिलने वाला ब्‍याज टैक्‍स फ्री होता है। यदि आप पांच साल पूरा होने से पहले ही एक कंपनी से दूसरी कंपनी में जॉब बदलते हैं तो आप आसानी से अपना पीएफ एकाउंट एक से दूसरी कंपनी में ट्रांसफर करवा सकते हैं। ईपीएफ में टैक्‍स पर तीन ई का फायदा मिलता है। ये तीन ई हैं एक्‍जम्‍पट, एक्‍जम्‍प्‍ट और एक्‍जम्‍प्‍ट, इसका मतलब है आपका योगदान और ब्‍याज दोनों टैक्‍स फ्री हैं और एक समय पश्‍चात निकासी भी टैक्‍स फ्री है। इसलिए फाइनेंशियल प्‍लानर्स हर व्‍यक्ति को डेट इन्‍वेस्‍टमेंट पोर्टफोलियो में ईपीएफ की सिफारिश जरूरत करते हैं।

ब्‍याज दर 8.8 फीसदी होने का क्‍या है मतलब

वेतनभोगी कर्मचारी के लिए, ईपीएफ एक अच्‍छा लांग टर्म इन्‍वेस्‍टमेंट इंस्‍ट्रूमेंट है। इसमें न केवल आप अपने नियोक्‍ता से भी अंशदान हासिल करते हैं, बल्कि लंबे समय में वास्‍तविक रिटर्न या मुद्रास्‍फीति से ज्‍यादा रिटर्न हासिल करते हैं। इसके अलावा ईपीएफ ने अपनी सेवाओं में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (यूएएन) की वजह से यह इंस्‍ट्रूमेंट अब पोर्टेबल बन गया है। इसकी वजह से अपने पीएफ एकाउंट का पैसा न केवल एक कंपनी से दूसरी कंपनी के एकाउंट में ले जाना आसान हो गया है, बल्कि इससे यह भी सुनिश्चित हो गया है कि जॉब बदलने पर आपका पैसा डूबेगा नहीं। इसमें यह भी नियम है कि यदि आप दो महीने या इससे अधिक समय तक बेरोजगार रहते हैं तो आप अपने पीएफ एकाउंट से पैसा निकाल सकते हैं।

ईपीएफओ ने इंक्रीमेंटल संपत्ति का 5 फीसदी हिस्‍सा एकसचेंज ट्रेडेड फंड्स के जरिये इक्विटी में निवेश करने का भी फैसला लिया है। इस कदम से लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न मिलने की उम्‍मीद है। ईपीएफ के 8.8 फीसदी ब्‍याज दर को यदि हम बैंक के फि‍क्‍स्‍ड डिपोजिट ब्‍याज दर, जो 7-8.5 फीसदी है, से तुलना करते हैं तो यह बहुत ज्‍यादा है। इसके अलावा बैंक एफडी पर मिलने वाला ब्‍याज टैक्‍सेबल होता है।

 

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