मोबाइल नंबर ही नहीं Insurance Policy भी कर सकते हैं पोर्ट, ये है हेल्थी हेल्थ इंश्योरेंस लेने का तरीका
Now you can port your health insurance policy too. If your existing policy doesn't cover critical illness advantages then you have an option of portability.
नई दिल्ली। ग्वालियर में रहने वाले कार्तिक ने अपने लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) ले रखी है। लेकिन जब वे पिछले महीने बीमार पड़े तो उन्हें कैश लैस इलाज की सुविधा नहीं मिल पाई। इसका कारण था उनके शहर में उस इंश्योरेंस कंपनी का कोई नेटवर्क हॉस्पिटल नहीं था। ऐसे में कार्तिक को इलाज का खर्च खुद उठाना पड़ा। अब वे क्लेम के लिए भागदौड़ कर रहे हैं। कार्तिक को परेशानी इसलिए उठानी पड़ी, क्योंकि उन्होंने पॉलिसी लेते वक्त नेटवर्क हॉस्पिटल की पड़ताल ही नहीं की। अब यदि वे नई कंपनी की पॉलिसी लेते भी हैं, तो उन्हें पिछली पॉलिसी में मिलने वाले क्रिटिकल इलनेस जैसे कई फायदों से महरूम रहना होगा। इसका एक दूसरा बेहतर विकल्प है पोर्टिबिलिटी। ऐसा करने से आपकी कंपनी भी बदल जाएगी। साथ ही आपके फायदे भी बने रहेंगे। इंडियाटीवी पैसा अपने रीडर्स को बताने जा रहा है कि यदि आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से खुश नहीं हैं, तो इस प्रकार अपनी कंपनी बदल सकते हैं।
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इस तरह करवाएं पॉलिसी पोर्ट
- हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पोर्ट करवाने के लिए जरूरी है कि आपकी मौजूदा पॉलिसी के खत्म होने में 45 दिन का समय बचा हो। अवधि समाप्त होने के 45 दिनों पहले आप दूसरी जनरल या हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के पास एप्लाई कर सकते हैं।
- नई पॉलिसी के लिए कंपनी के पास जाकर आपको प्रपोजल फॉर्म भरना होगा। साथ ही पोर्टेबिलिटी का फॉर्म भी भरना होगा।
- नई कंपनी आईआरडीए के पोर्टल की मदद से पुरानी कंपनी से आपकी सभी जानकारियां हांसिल कर लेगी। इसमें पॉलिसी घारक की मेडिकल हिस्ट्री के साथ ही क्लेम हिस्ट्री भी शामिल होगी।
- नई कंपनी पॉलिसी धारक की हेल्थ और क्लेम हिस्ट्री के आधार पर आपका आवेदन रिजेक्ट भी कर सकती है।
- यदि कंपनी प्रपोजल फॉर्म भरने के 15 दिनों के भीतर रिस्पॉण्ड नहीं करती है, तो पॉलिसी अपने आप अस्वीकृत मानी जाएगी।
पॉलिसी पोर्ट करवाने के हैं ये नुकसान
इंश्योरेंस पोर्ट करवाने के फायदों के साथ कुछ नुकसान भी हैं। यदि आप नई कंपनी में स्विच करते हैं तो आपको अपना नो क्लेम बोनस गंवाना पड़ेगा। नई कंपनी आपके मौजूदा सम एश्योर्ड के आधार पर प्रीमियम तय करेगी। जबकि आपकी पुरानी कंपनी आपको प्रीमियम में डिस्काउंट या एडिशनल बेनिफिट जैसे फायदे दे सकती थी। इसके अलावा नई पॉलिसी के वक्त आपका हेल्थ चैकअप होगा, ऐसे में यदि पिछले दो तीन साल में आपको डायबिटीज या ब्लड प्रैशर जैसी बीमारी हो गई है, तो इससे आपका प्रीमियम भी बढ़ जाएगा।
पॉलिसी पोर्ट करवाने की शर्तें
- आप अपनी पॉलिसी को तब पोर्ट करा सकते हैं जब इसके रिन्यूअल का समय करीब आ रहा हो। इससे नया इंश्योरेंस पिरीयड नई इंश्योरेंस कंपनी के साथ होगा।
- वेटिंग पिरियड क्रेडिट के अवाला नई पॉलिसी की अन्य शर्तें जिसमें प्रिमियम भी शामिल होता है ये सब कुछ नई इंश्योरेंस कंपनी अपने हिसाब से तय करती है।
- अपने रिन्यूअल के 45 दिन पूर्व अपनी पुरानी कंपनी को शिफ्ट करने के लिए आवेदन करें। जिस कंपनी में आप पॉलिसी शिफ्ट करना चाहते है उसका नाम बताएं। बिना किसी रुकावट के अपनी पॉलिसी को रिन्यू कराएं।