नई दिल्ली। जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान देश के प्रमुख आठ शहरों में घरों की बिक्री मामूली 1 प्रतिशत घटी। इस दौरान कुल 28,131 यूनिट की बिक्री हुई। एक अध्ययन में बताया गया कि नोटबंदी के असर के बाद मांग में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है। इससे पहले अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान 28,472 यूनिट की बिक्री हुई थी।
रियल एस्टेट डाटा, रिसर्च और एनालिटिक्स कंपनी प्रॉपइक्विटी ने प्रमुख आठ शहरों गुरुग्राम, नोएडा, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे और चेन्नई से आंकड़े जुटाकर यह अध्ययन रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 की पहली तिमाही में नए प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग 19.46 प्रतिशत घटी है और इस दौरान कुल 22,897 नए यूनिट लॉन्च किए गए, जबकि इससे पहले की तिमाही में यह संख्या 28,428 यूनिट थी।
समीक्षाधीन अवधि में घरों की कीमत भी 1.67 प्रतिशत घटकर 6,185 रुपए प्रति वर्ग फुट पर आ गई, जो इससे पहले तिमाही में 6,290 रुपए प्रति वर्ग फुट थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे आने वाली तिमाहियों में घरों की आपूर्ति बढ़ेगी। प्रॉपइक्विटी के संस्थापक और सीईओ समीर जसूजा ने कहा कि भारत में रियल एस्टेट सेक्टर नोटबंदी के बाद एक प्रमुख बदलाव के चरण से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकांश खरीदार, विक्रेता, बैंक और प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टर बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं।
रियल एस्टेट रेगूलेटरी एक्ट के लागू होने से प्रोजेक्ट में होने वाली देरी को कम किया जा सकेगा क्योंकि डेवलपर्स जुर्माने से बचने के लिए मौजूदा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर ज्यादा ध्यान देंगे।
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