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Hindi News पैसा मेरा पैसा HDFC बैंक ने जारी किए लोन रिस्ट्रक्चरिंग के नियम और शर्ते, जानिए किसे मिलेगी EMI में राहत

HDFC बैंक ने जारी किए लोन रिस्ट्रक्चरिंग के नियम और शर्ते, जानिए किसे मिलेगी EMI में राहत

बैंक के ग्राहक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, या फिर बैंक के RM से संपर्क कर सकते हैं। बैंक आवेदन स्वीकृत होने पर कर्ज की अवधि अधिकतम 24 महीने तक बढ़ा सकता है, जिससे ईएमआई में गिरावट आएगी।

<p>लोन रिस्ट्रक्चरिंग...- India TV Paisa Image Source : FILE लोन रिस्ट्रक्चरिंग के नियम जारी

नई दिल्ली। कोरोना संकट से आर्थिक दबाव में आए लोगों को उनके द्वारा लिए गए कर्ज की अदायगी पर राहत देने के लिए बैंक अब रिस्ट्रक्चरिंग के नियम जारी कर रहे हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाद अब एचडीएफसी बैंक ने लोन रिस्ट्रक्चरिंग के लिए नियम और शर्तें जारी कर दी हैं, जानिए किसे मिलेगी कर्ज अदायगी में राहत

किसे मिलेगा योजना का लाभ

  • ऐसे व्यक्ति या इकाईयां जो स्टैंडर्ड के रूप में वर्गीकृत हैं और जिन्होने 1 मार्च 2020 से पहले 30 दिनों से ज्यादा कोई किस्त नहीं रोकी है, और आज तक सभी कर्ज में स्टैंडर्ड बने हुए हैं।
  • ऐसे लोग या इकाईयां जिनकी आय में कोरोना संकट की वजह से गिरावट देखने को मिली है। बैंक ये तय करने के लिए कि कोरोना संकट की वजह से किसी की आय में गिरावट दर्ज हुई है, कर्जधारक के दस्तावेज और उनके द्वारा दी गई जानकारियों का इस्तेमाल करेगा। इसके साथ ही ग्राहक की नई ईएमआई को भुगतान करने की क्षमता का भी आकलन किया जाएगा।

कैसे कर सकते हैं आवेदन

  • आवेदन के लिए ग्राहक बैंक की वेबसाइट पर जाकर आवेदन भर सकते हैं। इसके साथ ही ग्राहक बैंक के RM से भी संपर्क कर सकते हैं।

किस तरह की राहत मिल सकती है

  • मासिक किस्त यानि EMI का भार कम करने के लिए कर्ज की अवधि को अधिकतम 24 महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है। कर्ज अवधि बढ़ने के साथ किस्त घट जाएगी।

एक से ज्यादा लोन की स्थिति होने पर

  • बैंक की वेबसाइट के जरिए आवेदन करने पर एक ही जगह पर अन्य लोन के लिए भी विकल्प दिए गए हैं। ग्राहक एक आवेदन के जरिए अपने द्वारा लिए गए अन्य कर्ज, क्रेडिट सुविधाओं की रिस्ट्रक्चरिंग का आवेदन कर सकता है। बैंक आवेदनकर्ता की मौजूदा आय को देखकर ही कोई फैसला लेगा।

दस्तावेज और शुल्क

  • आय या रोजगार की मौजूदा स्थिति को दर्शाने वाले दस्तावेज बैंक में जमा करने होंगे। वेतनभोगियों को बैंक स्टेटमेंट देना होगा। अपना कारोबार करने वालों या इकाइयों को बैंक स्टेटमेंट, जीएसटी रिटर्न, आयकर रिटर्न आदि देने होंगे। लोन की रिस्ट्रक्चरिंग पर बैंक शुल्क ले सकता है।

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