मुंबई। निजी क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC बैंक ) ने नकद से जुड़ी कुछ गतिविधियों के लिये बचत खाताधारकों हेतु शुल्क में उल्लेखनीय वृद्धि का फैसला किया है। यह नकद लेन-देन से लोगों को हतोत्साहित करने का एक प्रयास है। सरकार नोटबंदी के बाद लोगों को नकद-रहित और डिजिटल लेन-देन के लिये प्रोत्साहित कर रही है। इस लिहाज से बैंक का यह कदम महत्वपूर्ण है।
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HDFC बैंक ने उठाए कदम
- बैंक के एक अधिकारी ने कहा कि एचडीएफसी बैंक ने 1 मार्च से कुछ ट्रांजैक्शन पर फी बढ़ाने का फैसला किया है।
- साथ अन्य मामलों में नकदी की सीमा तय करने और कुछ ट्रांजैक्शन पर शुल्क लगाने का निर्णय किया है।
- बैंक की वेबसाइट के अनुसार थर्ड पार्टी ट्रांजैक्शन प्रति दिन 25,000 रुपए की सीमा तय की है।
- साथ ही शाखाओं में फ्री ट्रांजैक्शन की संख्या पांच से कम कर चार कर दी और नॉन-फ्री ट्रांजैक्शन के लिए फी भी 50 फीसदी बढ़ाकर 150 रुफए कर दिया है।
- अधिकारी ने कहा कि इससे पहले प्रतिदिन निकासी और जमा दोनों में 50,000 रु. के कैश ट्रांजैक्शन की अनुमति थी। उन्होंने बताया कि नयी फी पॉलिसी सिर्फ सैलरी और सेविंग्स अकाउंट्स के लिए लागू होगी।
- साथ ही बैंक ने होम ब्रांचेज में भी फ्री कैश ट्रांजैक्शन दो लाख रुपये पर सीमित कर दिया है।
- इसमें जमा और निकासी शामिल हैं। इसके ऊपर ग्राहकों को न्यूनतम 150 रुपये या पांच रुपये प्रति हजार का भुगतान करना होगा।
- वहीं, दूसरी शाखाओं में मुफ्त लेन-देन 25,000 रुपये है। उसके बाद शुल्क उसी स्तर पर लागू होगा।
- अधिकारी का कहना है कि फी में वृद्धि इंडस्ट्री के चलन के मुताबिक है।
अन्य बैंकों ने भी बढ़ाए ये शुल्क
- आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट पर भी होम ब्रांचेज में चार से ज्यादा कैश ट्रांजैक्शंज (जमा और निकासियों) पर कम-से-कम 150 रुपए चार्ज किया जाएगा।
- ऐक्सिस बैंक भी एक लाख रुपये प्रति महीने से ऊपर के जमा पर या पांचवीं निकासी से 150 रुपए या प्रति हजार रुपए पर 5 रुपए चार्ज करने लगता है।
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