नई दिल्ली। सरकारी कर्मचारियों को नए साल का इससे बेहतर तोहफा और कुछ नहीं हो सकता। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में मूल वेतन पर सरकार के योगदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने को अपनी मंजूरी दे दी है। वहीं न्यूनतम कर्मचारी योगदान 10 प्रतिशत ही रहेगा।
मंत्रिमंडल ने 10 प्रतिशत से अधिक के योगदान पर इनकम टैक्स कानून की धारा 80सी के तहत टैक्स लाभ देने को भी अपनी मंजूदी प्रदान की है। वर्तमान में सरकार और कर्मचारी दोनों ही एनपीएस में मूल वेतन पर 10-10 प्रतिशत का योगदान करते हैं।
अब न्यूनतम कर्मचारी योगदान 10 प्रतिशत ही रहेगा, लेकिन सरकार का योगदान 10 प्रतिशत से बढ़कर 14 प्रतिशत हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय 60 प्रतिशत तक की रकम निकालने को भी मंजूरी दी गई, जो अभी तक 40 प्रतिशत तय थी।
इसके अलावा कर्मचारियों के पास निवेश के लिए फिक्स्ड इनकम या इक्विटी में से किसी का भी चयन करने का विकल्प होगा। मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार यदि कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय एनपीएस में जमा धन का कोई भी हिस्सा निकालने का निर्णय नहीं करता है और 100 प्रतिशत पेंशन योजना में हस्तांतरित करता है तो उसका पेंशन अंतिम बार प्राप्त वेतन का 50 प्रतिशत से अधिक होगा।
सरकार ने राजस्थान में शुक्रवार को होने वाने चुनाव के मद्देनजर इस फैसले की घोषणा नहीं की। सूत्रों ने कहा कि सरकार को अभी नई योजना की अधिसूचना की तारीख के बारे में निर्णय करना है। ऐसा माना जा रहा है कि ये नए संशोधन एक अप्रैल 2019 से प्रभाव में आएंगे। एनपीएस में बदलाव का यह फॉर्मूला वित्त मंत्रालय ने सरकार द्वारा नियुक्त समिति की सिफारिशों के आधार पर बनाया है।
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