नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत सरकार की ओर से दिया जाने वाला योगदान बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके साथ ही सेवानिवृत्ति पर एनपीएस से की जाने वाली निकासी को भी पूरी तरह से कर मुक्त बना दिया गया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की पिछले सप्ताह हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। फैसले के मुताबिक एनपीएस में केंद्र सरकार के योगदान को बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया जाएगा। योजना के तहत कर्मचारी का न्यूनतम योगदान उसके मूल वेतन का 10 प्रतिशत ही रहेगा। जेटली ने यहां संवाददाताओं को बताया कि कर्मचारियों के व्यापक हित में यह बदलाव किया गया है।
एनपीएस में सरकार के योगदान में की गई वृद्धि से सरकारी खजाने पर 2019- 20 में 2,840 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। एनपीएस के तहत कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय कुल जमा कोष में से 60 प्रतिशत राशि निकालने का पात्र है। शेष 40 प्रतिशत जुड़ी राशि पेंशन योजना में चली जाती है। वित्त मंत्री ने कहा कि योजना से बाहर होते समय निकाली जाने वाली 60 प्रतिशत राशि को कर मुक्त कर दिया गया है। इसके साथ ही एक तरह से पूरी राशि की निकासी कर मुक्त हो गई है।
एनपीएस के अंशधारक को योजना में जमा राशि में से सेवानिवृत्ति के समय 60 प्रतिशत राशि की निकासी में से 40 प्रतिशत कर मुक्त थी, जबकि शेष 20 प्रतिशत पर कर लिया जाता है। बहरहाल, अब पूरी 60 प्रतिशत निकासी को कर मुक्त कर दिया गया है। यह व्यवसथा सभी वर्ग के कर्मचारियों के लिए की गई है।
लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि एनपीएस को भी ई-ई-ई यानी अंशदान पर-निवेश-प्रतिफल और निकासी तीनों स्तर पर कर में छूट हो, जैसा कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) योजनाओं के मामले में है।
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