नई दिल्ली। होम लोन लेकर दूसरे मकान की खरीदारी करने पर ब्याज का भुगतान करने पर आयकर में ब्याज की कटौती का लाभ मिलता है। इस कटौती की सीमा को दो लाख रुपए सालाना पर सीमित किए जाने के प्रस्ताव को वापस लेने से इनकार करते हुए राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि दूसरे मकान की खरीद पर सरकारी सहायता देने की कोई तुक नहीं है।
आमतौर पर अधिक पैसे वाले ही दूसरा मकान खरीदते हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे मकान के लिए बैंक से कर्ज लेने वालों को आयकर में छूट देने का दुरुपयोग ही होता है।
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दूसरी संपत्ति पर सब्सिडी देना बुद्धिमानी नहीं : अधिया
- सरकार की सीमित संसाधनों का हवाला देते हुए अधिया ने कहा कि पहली बार घर खरीदने वाले को सब्सिडी देने की बात तो विवेकपूर्ण है लेकिन दूसरी संपत्ति का मालिक जो कि उसमें रहता नहीं है और उसे किराए पर देकर कमाई करता है उसे सब्सिडी देना बुद्धिमानी नहीं है।
- वित्त विधेयक 2017 में आयकर कानून की धारा 71 के तहत दूसरे मकान की मद में होने वाले नुकसान की अन्य मदों से होने वाली आय के समक्ष भरपाई को दो लाख रुपए तक सीमित कर दिया गया है।
- मौजूदा व्यवस्था के तहत इस तरह की आवासीय संपत्ति के समक्ष नुकसान की भरपाई के लिए इस तरह की कोई सीमा नहीं है।
- दूसरे शब्दों में यदि कहा जाए तो ऐसे होम लोन पर भुगतान किए जाने वाले पूरे ब्याज पर कर कटौती का लाभ मिल सकता है।
अधिया ने कहा
सरकार के संसाधन बहुत सीमित हैं। सवाल यह है कि सरकार को पहली बार मकान खरीदने वालों को सहायता देनी चाहिए जो कि खुद उस मकान में रहेंगे या फिर सरकार को उन लोगों को सहायता देनी चाहिए जिन लोगों के पास सरप्लस पैसा है और वह दूसरा मकान खरीद रहे हैं।
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अधिया ने कहा, ‘सवाल यह है कि सरकार दूसरे मकान की खरीदारी पर आने वाली लागत का बोझ क्यों उठाए। हमारे पास कई लोग हैं जिन्हें सस्ते मकान चाहिए, हमें उनकी मदद करनी है। इसलिए इसमें काफी राजस्व का नुकसान है और लोग इन सुविधाओं का काफी दुरुपयोग करते हैं।’
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