नई दिल्ली। कर संबंधी मुकदमों का बोझ कम करने के प्रयास में सरकार ने बुधवार को फैसला किया कि वह अपीलीय न्यायाधिकरण, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में क्रमश: 20 लाख रुपए, 50 लाख रुपए और एक करोड़ रुपए से कम के मुकदमों की अपील दायर नहीं करेगी। इससे पहले मुकदमे की अपील करने की यह सीमा अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए 10 लाख रुपए, उच्च न्यायालय के लिए 20 लाख रुपए और सर्वोच्च न्यायालय के लिए 25 लाख रुपए थी।
वित्त मंत्रालय के इस फैसले से प्रत्यक्ष कर से संबंधित मौजूदा 41 फीसदी मामले वापस ले लिए जाएंगे और अप्रत्यक्ष कर से संबंधित 18 फीसदी मामले वापस लिए जाएंगे। मंत्रालय के आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस कदम से विभाग की ओर से भविष्य में मुकदमों में कमी आएगी।
विभाग ने कहा कि यह फैसला कम मूल्य के मामले के मुकदमों को कम करने में कारगर होगा और विभाग को उच्च मूल्य के मामलों पर ध्यान देने में मदद मिलेगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण में दायर किए गए मुकदमों में से 34 फीसदी की वापसी होगी। इसी प्रकार उच्च न्यायालय से 48 फीसदी और सर्वोच्च न्यायाल से 54 फीसदी मामले वापस लिए जाएंगे।
Latest Business News