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Hindi News पैसा मेरा पैसा होमलोन को बनाना है टेंशन प्रूफ, बैंक के पेपर साइन करने से पहले इन 5 बातों का रखें ख्‍याल

होमलोन को बनाना है टेंशन प्रूफ, बैंक के पेपर साइन करने से पहले इन 5 बातों का रखें ख्‍याल

इंडिया टीवी पैसा की टीम अपने रीडर्स के लिए लेकर आई है कुछ खास टिप्‍स, जिन्‍हें अपनाकर आप होमलोन की बेहतरीन डील हासिल कर सकते हैं।

Be Aware: होमलोन को बनाना है टेंशन प्रूफ, बैंक के पेपर साइन करने से पहले इन 5 बातों का रखें ख्‍याल- India TV Paisa Be Aware: होमलोन को बनाना है टेंशन प्रूफ, बैंक के पेपर साइन करने से पहले इन 5 बातों का रखें ख्‍याल

नई दिल्ली। घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। लोग अपनी जीवन भर की सेविंग और इंवेस्‍टमेंट लगाकर घर खरीदने का सपना पूरा करने की कोशिश करते हैं। लेकिन घर जिंदगी का सबसे बड़ा सौदा होता है जिसके लिए आपकी सेविंग भी कम पड़ जाती है। ऐसे में मदद करता है होमलोन। चूंकि ये होमलोन 20 से 30 साल के लिए होते हैं ऐसे में यह समझ लीजिए कि ये आपके जीवन भर साथ चलेगा। ऐसे में जब लाखों की रकम और जीवन के बहुमूल्‍य तीन दशकों का सवाल हो तो हमें होम लोन लेते वक्‍त बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इंडिया टीवी पैसा की टीम अपने रीडर्स के लिए लेकर आई है कुछ खास टिप्‍स, जिन्‍हें अपनाकर आप होम लोन की बेहतरीन डील हासिल कर सकते हैं।

आसान नहीं अच्‍छा होम लोन हासिल करें

अक्‍सर बैंक अपने विज्ञापन में आसान होम लोन का प्रचार करते हैं। अक्‍सर हम लोग भी लोन उन बैंकों से अप्रूव करा लेते हैं जहां उनका सेविंग या सैलरी एकाउंट होता है। ये आसान जरूर है पर उचित नहीं। अधिकांश सरकारी बैंकों की ब्‍याज दरें निजी बैंक और वित्‍तीय संस्‍थाओं से कम होती हैं, लेकिन उनका लोन प्रोसिजर लंबा होता है। अक्‍सर लोग इस प्रक्रिया से बचने के लिए महंगा लोन ले लेते हैं। ऐसे में प्रयास करें, पेपर वर्क ठीक रखें। बेहतर है कि होम लोन लेने से पहले दो चार जगह इंटरेस्ट रेट, फी स्ट्रक्चर और अन्य चार्जेस मालूम कर लें।

इंश्योरेंस कवर जरूर लें

अधिकांश खरीदार घर खरीदने पर होम लोन इंश्योरेंस नहीं लेते हैं। अगर घर में कमाने वाले अकेले हैं तो इंश्योरेंस आपके लिए बेहद जरूरी है। ऐसा करने से आपका परिवार किसी भी वित्तीय संकट से सुरक्षित रहेगा। अगर आप होम लोन इंश्योरेंस नहीं लेना चाहते तो आप लाइफ इंश्योरेंस लेकर एमाउंट कवर कर सकते हैं। इसके साथ ही आपको क्रिटिकल इल्नैस पॉलिसी भी लेनी चाहिए। यह आप होम लोन लाएबिलिटी को कुछ हद तक कवर कर लेता है।

जान लें बैंक की सभी नियम या शर्तें

अधिकांश खरीदार बैंक की ओर से रखे गए नियम और शर्तों को बिना पढ़ें एक्सेप्ट कर लेते हैं। 90 फीसदी ग्राहक उनके क्‍लॉज तक नहीं पढ़के देखते। कई लोग यह भी नहीं जानते कि होम लोन की शर्तें और ब्‍याज दरों पर भी बैंक से निगोशिएट कर सकते हैं। इसके अलावा जरूरी है कि आप इंटरेस्ट रेट, प्रोसेसिंग फीस औक हिडन कॉस्ट के बारे में बात जरूर करें। इसके लिए बैंकों की एक सूची तैयार कर लें और फिर तुलना करें। ऐसा करने से आपको पता चलेगा कि कितना अंतर है।

आर्थिक क्षमता से ज्यादा का लोन लेना

जब भी घर खरीद रहे होते हैं तो ऐसा होता है कि आप ज्यादा पैसा देकर अतिरिक्त फीचर्स लेने के लिए तैयर हो जाते हैं। अगर आप लोन लेने के योग्य हैं तो जरूरी नहीं कि आप सारे फीचर्स का लाभ उठाएं। बैंक आपकी मौजूदा समय की इनकम और लाएबिलिटी जांचने के बाद लोन की राशि का फैसला लेता है। यह आपके खर्चों पर ध्यान नहीं देता। अगर आपके खर्चें ज्यादा हैं कम कीमत की प्रॉपर्टी का चयन करें।

अतिरिक्त कीमतों पर ध्यान दें

जब आप प्रॉपर्टी खरीद रहे होते हैं तो आपको ईएमआई पर लगने वाली उस एक्ट्रा कॉस्ट पर ध्यान देना चाहिए। यह एक्ट्रा कॉस्ट प्रॉपर्टी टैक्स या फिर मेनेंटेनैंस कॉस्ट हो सकती है। पूरी राशि की गणना करने पर आपको पता चलेगा कि आपकी मौजूदा इनकम से ज्यादा है। इससे आपको मासिक ईएमआई के बारे में पता चलेगा। इस आधार पर अपनी प्रॉपर्टी की कीमत तय करें।

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