ब्याज दरें घटने के बावजूद आकर्षक है EPF, जानिए क्या है वजह
EPF की ब्याज दर 0.15 फीसदी घटने से आपके रिटर्न पर मामूली फर्क पड़ेगा। अभी ज्यादातर लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें इससे कम ही हैं और टैक्स का लाभ भी है।
नई दिल्ली। सोमवार यानी 19 दिसंबर को श्रम मंत्री की अध्यक्षता में सेंट्रल बोर्ड और ट्रस्टीज की हुई बैठक में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) की ब्याज दर 8.8 फीसदी से घटा कर 8.65 फीसदी कर दिया गया। यह ब्याज दर 2016-17 में किए गए योगदान पर लागू होगी। ब्याज 0.15 फीसदी घटने से आपके रिटर्न पर मामूली फर्क पड़ेगा जो इसके फायदों की तुलना में नगण्य है। वैसे भी PF की ब्याज दरें अभी 8 फीसदी हैं और मौजूदा EPF दर 10 साल के सरकारी बॉन्ड की यील्ड (6.47 फीसदी) से 2.18 फीसदी अधिक ही है।
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विभिन्न डिपॉजिट से अब भी अधिक हैं EPF की ब्याज दरें
RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने जिस हिसाब से दरों में कटौती की है और बैंकों के पास डिमोनेटाइजेशन के बाद जमा में हुई बढ़ोतरी के बाद अब जमा दरों में कटौती की ही उम्मीद की जा सकती है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) 5 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट पर 6.5 फीसदी का ब्याज दे रहा है। किसान विकास पत्र पर 7.7 फीसदी, 5 साल के NSC पर 8 फीसदी और पोस्ट ऑफिस के 5 साल के टाइम डिपॉजिट अकाउंट पर 7.8 फीसदी सालाना का ब्याज मिल रहा है। इनमें से किसी भी विकल्प पर आयकर में छूट-छूट-छूट की सुविधा नहीं है।
EPF का टैक्स एडजस्टेड रिटर्न लगभग 11-12 फीसदी है
विशेषज्ञों की मानें तो EPF में निवेश करना नहीं छोड़ना चाहिए। इसमें निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत छूट मिलती है। यही नहीं निवेश पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि भी टैक्स फ्री होती है। यानी यह छूट-छूट-छूट की श्रेणी में आता है। अगर आप इसका टैक्स एडजस्टेड रिटर्न देखें तो यह करीब 11 से 12 फीसदी बैठता है।
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प्रत्येक कर्मचारी के मूल वेतन का 12 फीसदी EPF अकाउंट में जमा होता है
प्रत्येक महीने किसी कर्मचारी के मूल वेतन का 12 फीसदी EPF अकाउंट में नियोक्ता जमा करवाता है। नियोक्ता द्वारा अपनी तरफ से किया गया योगदान इंप्लॉई पेंशन स्कीम यानी EPS में जमा होता है।
EPF पर चक्रवृद्धि का मिलता है लाभ
चक्रवृद्धि पैसों की ग्रोथ में काफी मददगार होता है। आप EPF में जो भी पैसे जमा करवाते हैं उसमें सालाना घोषित ब्याज दर के हिसाब से चक्रवृद्धि होती है। 15,000 रुपए से अधिक वेतन वालों के लिए EPF ऐच्छिक है। आपकी मर्जी, आप शुरुआत में ही मना कर दीजिए। हां, एक बार EPF में जमा शुरू हो जाने के बाद इससे बीच में नहीं निकल सकते। उपरोक्त बातों के मद्देनजर आप समझ गए होंगे कि EPF की ब्याज दरों में मामूली कमी से आपको होने वाले फायदों पर ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला।