नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने गुरुवार को अपने छह करोड़ से अधिक अंशधारकों के लिए बड़ी घोषणा की है। ईपीएफो ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.65 प्रतिशत करने का फैसला किया है। वित्त वर्ष 2015-16 के बाद ब्याज दर में यह बढ़ोतरी की गई है।
श्रम मंत्री संतोश गंगवार की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) की बैठक में सभी सदस्यों ने चालू वित्त वर्ष के लिए अंशधारकों को अधिक ब्याज देने पर अपनी सहमति जताई। सीबीटी बैठक के बाद गंगवार ने बताया कि इस प्रस्ताव को अब मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा।
हालांकि ऐसी अटकलें पहले ही थीं कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत से अधिक रख सकती है। श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाला न्यासी बोर्ड ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है, जो वित्त वर्ष के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को अंतिम रूप देता है। बोर्ड की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय से सहमति की जरूरत होगी। वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ब्याज दर को अंशधारक के खाते में डाला जाएगा।
ईपीएफओ ने 2017-18 में अपने अंशधारकों को 8.55 प्रतिशत ब्याज दिया। निकाय ने 2016-17 में 8.65 प्रतिशत तथा 2015-16 में 8.8 प्रतिशत ब्याज दिया था। वहीं 2013-14 और 2014-15 में ब्याज दर 8.75 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2012-13 के लिए ब्याज दर 8.5 प्रतिशत थी।
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