कोरोना के बीच धीरे-धीरे सुधर रही है रोजगार की स्थिति, EPFO से फरवरी में 12.37 लाख नए सब्सक्राइर्ब्स जुड़े
मंत्रालय के अनुसार सालाना आधार पर फरवरी 2021 में ईपीएफओ से जुड़ने वाले अंशधारकों की संख्या में 19.63 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से इस साल फरवरी में शुद्ध रूप से 12.37 लाख कर्मचारी जुड़े हैं। यह पिछले साल के इसी माह के मुकाबले करीब 20 प्रतिशत अधिक है। मंगलवार को जारी नियमित वेतन पर रखे जाने वाले कर्मचारियों (पेरोल) का यह आंकड़ा कोरोना महामारी के बीच संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति को बताता है। श्रम मंत्रालय के बयान के अनुसार नियमित वेतन पर रखे जाने वाले कर्मचारियों (पेरोल) से संबंधित ईपीएफओ के अस्थायी आंकड़े के अनुसार फरवरी, 2021 में शुद्ध रूप से इस सामाजिक सुरक्षा योजना से 12.37 लाख अंशधारक जुड़े। जनवरी, 2021 के मुकाबले फरवरी में अंशधारकों की संख्या में 3.52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
मंत्रालय के अनुसार सालाना आधार पर फरवरी 2021 में ईपीएफओ से जुड़ने वाले अंशधारकों की संख्या में 19.63 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोविड संकट के बावजूद ईपीएफओ से वित्त वर्ष 2020-21 में फरवरी, 2021 तक करीब 69.58 लाख अंशधारक शुद्ध रूप से जुड़े हैं। वित्त वर्ष 2019-20 में शुद्ध रूप से 78.58 लाख नए अंशधारक जुड़े थे, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 61.12 लाख थे। इस बीच, ईपीएफओ के जनवरी के पेरोल आंकड़े को संशोधित कर 11.95 लाख किया गया है। इससे पहले, मार्च 2021 में जारी अस्थायी अनुमान में शुद्ध रूप से 13.36 लाख लोगों के ईपीएफओ से जुड़ने की बात कही गई थी। ईपीएफओ अप्रैल 2018 से नियमित वेतन पर रखे जाने वाले कर्मचारियों के आंकड़े जारी कर रहा है। इसमें सितंबर 2017 की अवधि को लिया गया है।
ताजा आंकड़े के अनुसार अप्रैल 2020 में ईपीएफओ से शुद्ध रूप से 2,72,900 अंशधारक अलग हुए थे, जबकि मार्च में यह आंकड़ा (-)2,55,559 रहने की बात कही गई थी। इसका मतलब है कि ईपीएफओ में इस दौरान जितने अंशधारक जुड़े, उससे कहीं अधिक उससे बाहर हुए। मई के आंकड़े को भी संशोधित किया गया है। शुद्ध रूप से मई 2020 में 2,72,328 अंशधारक ईपीएफओ से अलग हुए, जबकि पूर्व में यह आंकड़ा (-) 2,47,991 बताया गया था। संशोधित आंकड़े के अनुसार जून में शुद्ध रूप से 1,39,789 कर्मचारी जुड़े थे, जबकि पूर्व में इसके 1,65,607 रहने की बात कही गई थी। ताजा आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2020 में शुद्ध रूप से 5,15,428 कर्मचारी जुड़े, जबकि पूर्व में यह आंकड़ा 5,35,720 था। अगस्त के आंकड़े को भी संशोधित कर 6,42,446 कर दिया गया, जो पूर्व में 6,67,325 था।
वहीं सितंबर 2020 में ईपीएफओ से शुद्ध रूप से जुड़ने वाले लोगों के आंकड़े को संशोधित कर 12,31,042 कर दिया गया है, जो पूर्व में 12,60,877 था। वहीं अक्टूबर के आंकड़े को संशोधित कर 9,00,037 कर दिया गया, जो पूर्व में 9,34,574 था। नवंबर 2020 के आंकड़े को संशोधित कर 6,99,020 कर दिया गया, जो पूर्व में 7,71,546 था। दिसंबर के आंकड़े को कम कर 9,42,825 कर दिया गया है, जो पहले 10,81,398 था। बयान में कहा गया है कि फरवरी 2021 में शुद्ध रूप से जुड़े 12.37 लाख अंशधारकों में से करीब 7.56 लाख नए सदस्य थे, जो पहली बार ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में आए थे।
इसमें कहा गया है कि 4.81 लाख अंशधाक ऐसे थे जो सामाजिक योजना दायरे से बाहर निकलकर, फिर उससे जुड़े। यानी उन्होंने सदस्यता बरकरार रखते हुए एक नौकरी छोड़कर दूसरी जगह ज्वॉइन किया। बयान के अनुसार आयु वर्ग के हिसाब से फरवरी, 2021 में 22 से 25 वर्ष की आयु श्रेणी में आने वाले सर्वाधिक अंशधारक ईपीएफओ से जुड़े। इस श्रेणी में शुद्ध रूप से करीब 3.29 लाख अंशधारक ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़े।
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