नई दिल्ली। शराब कारोबारी विजय माल्या को देश में वापस लाने के लिए विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भारत-ब्रिटेन पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) का उपयोग करने की मंजूरी दे दी है। माल्या पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत मामलों की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने ईडी के आवेदन को पिछले हफ्ते मंजूरी दी थी। ईडी ने भारत-ब्रिटेन पारस्परिक कानूनी सहायता संधि के तहत अदालत से इस मामले में आदेश जारी करने की अपील की थी।
- माल्या और उनकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर आईडीबीआई बैंक के साथ करीब 900 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
- ईडी अधिकारियों के मुताबिक अदालत के इस आदेश को गृह मंत्रालय के पास भेजा गया है, ताकि ब्रिटेन में उसके समकक्षों की मदद से आदेश पर आगे तामील हो सके।
- एमएलएटी के तहत दोनों देशों के बीच आपराधिक मामलों में आरोपी शख्स को ट्रांसफर किया जा सकता है।
बैंकों ने किंगफिशर की संपत्तियों की नीलामी के लिए आरक्षित मूल्य घटाया
बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले 17 बैंकों के गठजोड़ ने एक बार फिर से मुंबई में किंगफिशर हाउस और गोवा में किंगफिशर विला को नीलामी के लिए पेश करने की तैयारी की है। बैंकों ने इन संपत्तियों की नीलामी के लिए अब इनका आरक्षित मूल्य 10 प्रतिशत कम कर दिया है।
- बैंकों की ओर से इन संपत्तियों की नीलामी कर रही एसबीआई कैप्स ट्रस्टी ने आज सार्वजनिक नोटिस में कहा कि इन प्रमुख संपत्तियों की नीलामी छह मार्च को की जाएगी।
- जहां किंगफिशर हाउस की नीलामी चौथी बार की जा रही है, किंगफिशर विला को तीसरी बार नीलामी के लिए पेश किया गया है।
- किंगफिशर एयरलाइन के मुख्यालय रहे किंगफिशर हाउस की नीलामी के लिए आरक्षित मूल्य 103.50 करोड़ रुपए रखा गया है।
- यह दिसंबर में हुई पिछली विफल नीलामी के 115 करोड़ रुपए के आरक्षित मूल्य से 10 प्रतिशत कम है।
- पिछले साल मार्च में किंगफिशर हाउस की पहली नीलामी में आरक्षित मूल्य 150 करोड़ रुपए रखा गया था।
- इसी तरह उत्तरी गोवा के कोंडोलिम में किंगफिशर विला का आरक्षित मूल्य 10 प्रतिशत घटाकर 73 करोड़ रुपए रखा गया है।
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