इस बार न करें यें गलतियां, अधिक फायदा उठाने के लिए अभी से शुरू करें टैक्स प्लानिंग
आप सैलरीड हैं, बिज़नेसमैन हैं, या आपको किसी भी अन्य सोर्स से इनकम हो रही है तो आपको अपने इनकम के मुताबिक टैक्स चुकाना पड़ता है।
क्या प्लानिंग में देरी होने और सही समय पर सही निवेश विकल्प न चुनने की वजह से आपको चालू वित्त वर्ष 2020-2021 में अधिक इनकम टैक्स देना पड़ा है, तो अब दोबारा वहीं गलती न दोहराएं। अगले वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए अभी से टैक्स प्लानिंग शुरू कर दें और अधिक से अधिक टैक्स छूट पाने के लिए अपनी तैयारी पूरी कर लें।
आप सैलरीड हैं, बिज़नेसमैन हैं, या आपको किसी भी अन्य सोर्स से इनकम हो रही है तो आपको अपने इनकम के मुताबिक टैक्स चुकाना पड़ता है। अगर आपने इनकम टैक्स बचत के लिए धारा 80C के तहत 1.5 लाख तक की छूट पाने के लिए कोई निवेश नहीं किया है तो आप अभी से इसकी प्लानिंग कर लें, ताकि अगले मार्च तक आपको किसी भी प्रकार का नुकसान न झेलना पड़े।
सबसे पहले तो ये तय कर लें कि आपके लिए इनकम टैक्स का कौन-सा विकल्प सही है। अगर आपने टैक्स के नई व्यवस्था को चुना है तो आपको टैक्स सेविंग्स ऑपशन्स के बारे सोचने की जरूरत नहीं है। लेकिन, अगर आपने पूराने ऑप्शन को ही कन्टीन्यू किया है तो आपको टैक्स बचाने के लिए अभी से निवेश करना होगा। साथ ही, नौकरी करने वालों के लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि आपकी सैलरी से कटने वाला EPF का हिस्सा भी इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के 1.5 लाख रुपये के अंदर आता है। इसलिए जब भी निवेश करें तो उसे ध्यान में रखकर करें।
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आइए जानते हैं वो ऐसे कौन से विकल्प हैं जिनमें निवेश कर आप उठा सकते हैं फायदा
1.टैक्स सेविंग बैंक एफडी में करें निवेश:
टैक्स सेविंग बैंक एफडी पांच सालों के लिए किया जा सकता है। अगर आप वित्त वर्ष 2021-2022 में टैक्स छूट चाहते हैं तो आपके लिए बैंक एफडी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। अगर आप किसी भी बैंक का ऑनलाइन ऐप इस्तेमाल करते हैं या फिर इंटरनेट बैंकिंग इस्तेमाल करते हैं तो आप अपने बैंक अकाउंट में अपडेटेड पैन कार्ड के जरिए एफडी में पैसा जमा कर सकते हैं।
2.ईएलएसएस (ELSS):
ईएलएसएस यानी की इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) की खास बात ये है कि इसमे तीन साल के लॉकइन के लिए निवेश किया जाता है। ईएलएसएस म्यूचुअल फंड में निवेश के जरिए आप किसी भी अच्छे रिटर्न वाले फंड में पैसा लगाकर टैक्स छूट पा सकते हैं।कम समय के लिए किए गए निवेश के वजह से ईएलएसएस को बैंक एफडी के मुकाबले एक अच्छा विकल्प माना गया है। हमेशा उन ELSS में निवेश करें जिन म्यूचुअल फंड का पैसा अच्छी कंपनियों में लगा हुआ है।
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3. पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF):
टैक्स छूट के लिए पीपीएफ खाता खुलवाना काफी आसान और फायदेमेंद है। आप चाहें तो इंटरनेंट बैंकिंग के जरिए भी खाता खुलवा सकते हैं। पीपीएफ खाते को आप अपने सेविंग्स अकाउंट से जोड़कर भी अपने फंड को इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रहे कि पीपीएफ अकाउंट 15 साल के लिए खुलता है, इसलिए अगर आपका लक्ष्य लंबे समय के निवेश का है तो ही पीपीएफ में टैक्स बचत के लिए पैसा लगाएं।
4. नैशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC):
धारा 80C के तहत इनकम टैक्स में 1.5 लाख तक के छूट के लिए आप एनएससी में निवेश कर सकते हैं। एनएससी में पांच साल के लिए निवेश किया जाता है।सुरक्षित और रिटर्न की गारंटी के साथ इसमें निवेश करना एक अच्छा विकल्प है। ब्याज दर की बात करें तो हर तिमाही ब्याज दर में सरकार द्वारा बदलाव किया जाता है।लेकिन, निवेशकों को पूरे स्कीम के मैच्योर होने तक एक ही ब्याज दर प्राप्त होता है।
5.नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS):
रिटारमेंट के नजरिए से एनपीएस में निवेश से 50,000 रुपये तक की छूट मिल सकती है। ध्यान देने वाली बात ये है कि टियर-1 का एनपीएस खाता लॉकइन के साथ होता है टियर-2 अकाउंट बिना किसी लॉकइन के होता है। एनपीएस में निवेश से सभी टैक्स स्लैब वाले टैक्सपेयर्स को टैक्स का फायदा मिलता है। एनपीएस को रिटारमेंट के नजरिए से काफी सुरक्षित और बेहतर विकल्प मान गया है। एनपीएस खाते को आप बैंक के ऐप से ऑनलाइन भी खोल सकते हैं।
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6.सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम(SCSS):
टैक्स बचत के लिए सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम एक सुरक्षित और बेहतर सेविंग स्कीम माना गया है। इसे आसानी से पोस्ट ऑफिस में खुलवाया जा सकता है। इस स्कीम में निवेश के जरिए इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट ली जा सकती है।
7. सुकन्या समृद्धि स्कीम(SSY):
अगर आपके घर में कोई 10 साल तक के उम्र की लड़की है तो आप उसके नाम पर सुकन्या समृद्धि स्कीम खुलवा सकते हैं। इस स्कीम के जरिए इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है। ये बेटियों के भविष्य के लिए एक बहुत अच्छी सरकारी सेविंग स्कीम मानी गई है जिसमें निवेश से टैक्स छूट भी मिलता है और बेटियों के भविष्य को उज्जवल बनाने में भी मदद करता है। टैक्सपेयर इसमें सालाना 1.5 लाख रुपये तक ही निवेश कर सकता है। ब्याज दर की बात करें तो इसमें फिलहाल 7.6 फीसदी का ब्याज सरकार सालाना दे रही है।
8. ULIP:
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान पर ही टैक्स छूट का फायदा लिया जा सकता है। यूलिप निवेश की सीमा 5 साल के लॉकइन के समय के साथ आता है। ध्यान रहे कि यूलिप में दिया गया प्रिमियम अगर साल में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा का होगा तो आपको उस रकम पर कोई टैक्स छूट नहीं मिलेगी। यूलिप के जरिए बीमा कवर लेने पर आपको टैक्स बचाने में मदद मिलेगी। साथ ही, हेल्थ इंश्योरेंस प्रिमियम के जरिए धारा 80D के तहत भी आपको 25,000 रुपये तक का टैक्स बचत हो सकता है।
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सभी दिए गए निवेश ऑप्शन पर निवेश से पहले अपने सीए या निवेश सलाहकार की सलाह जरूर लें। किसी भी टैक्स बचत विकल्प में निवेश से पहले अपनी जरूरत और निवेश की अवधि को जरूर जान लें।