लोन के लिए बेवजह आवेदन करना पड़ सकता है महंगा, गड़बड़ा सकता है CIBIL स्कोर
CIBIL क्रेडिट रिपोर्ट में किसी व्यक्ति के बारे में यह जानकारी भी होती है कि उसने किन चीजों और कितनी राशि के ऋण के लिए कितने बैंकों में अप्लाई किया।
नई दिल्ली। अजय और राकेश एक ही सॉफ्टवेयर कंपनी में सीनियर पद पर थे। दोनों के वेतन भी समान थे और सबसे बड़ी बात थी कि दोनों के कर्ज के रिकॉर्ड भी साफ सुथरे थे। हाल ही में अजय ने होम लोन के लिए आवेदन किया था और बैंक से काफी चिढ़ा हुआ था। वजह भी जायज थी। राकेश ने भी उसी बैंक से कुछ दिनों पहले ही होम लोन लिया था और उसे बैंक ने लोन के शुल्कों और दरों में रियायत भी दी थी। राकेश ने इसी वजह से अजय को भी उसी कंपनी से लोन लेने की सलाह दी थी। राकेश को वही बैंक कहीं अधिक दर पर होम लोन दे रहा था। जब अजय ने इसकी वजह जाननी चाही तो बैंक ने बताया कि उसका CIBIL क्रेडिट स्कोर राकेश की तुलना में कम है और इसी कारण उसे अधिक ब्याज दर का भुगतान करना होगा।
यह भी पढ़ें : फोन पर Home Loan ऑफर करने वाले बैंक आखिर क्यों रद्द कर देते हैं अप्लिकेशन
रिकॉर्ड एक जैसे लेकिन स्कोर अलग-अलग थे
अजय ने कर्जदाता से अपने CIBIL स्कोर की कॉपी मांगी। उसमें सब कुछ साफ-सुथरा था। उसने सभी बकाए का भुगतान किया था। जब अजय ने राकेश का क्रेडिट स्कोर देखा तो वह हैरान था कि उसकी रिपोर्ट भी साफ-सुथरी थी लेकिन उसका स्कोर कहीं अधिक था। यह बात अजय के गले नहीं उतर पा रही थी कि जब उसने किसी कर्ज में डिफॉल्ट किया ही नहीं तो उसका स्कोर राकेश की तुलना में कम क्यों हो गया। जिस कारण उसे कहीं ऊंची दरों पर लोन दिया जा रहा है।
क्या होता है क्रेडिट स्कोर?
क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच की एक संख्या है, जिसकी गणना क्रेडिट ब्यूरो करती है। हालांकि, क्रेडिट ब्यूरो इस गणना के तरीके का खुलासा नहीं करती है। इस गणना से आवेदकों या ग्राहकों के पिछले 12 महीनों के दौरान लोन में डिफॉल्ट की जानकारी मिलती है। पिछले 12 महीने की अवधि के दौरान यह स्कोर जितना अधिक होगा, ग्राहक के डिफॉल्ट की संभावना उतनी ही कम होगी। 700 से ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है और 750 से अधिक स्कोर बहुत बेहतर की श्रेणी में आता है। अधिकांश मामलों में 600 या इससे कम का स्कोर होने पर कर्ज देने वाले बमुश्किल ही आपके लोन एप्लिकेशन पर ध्यान देंगे। क्रेडिट स्कोर की गणना का फॉर्मूला क्रेडिट ब्यूरो गुप्त रखती है और क्रेडिट ब्यूरो द्वारा इस स्कोर के महज व्यापक सिद्धांत ही उपलब्ध कराए जाते हैं। इसका सामान्य सा नियम है कि अगर आपने अपने सभी कर्ज का भुगतान समय पर किया है तो आपका क्रेडिट स्कोर बढि़या होगा।
यह भी पढ़ें : Personal Loan को समझें पैसे जुटाने का अंतिम विकल्प, काफी ज्यादा होता है इसका इंट्रेस्ट रेट
असुरक्षित ऋण के आवेदन का नकारात्मक असर
अब आते हैं अजय और राकेश के मामले पर। अजय कुछ महीने पहले विदेश में छुट्टियां मनाने जाने के लिए पर्सनल लोन लेने की बात सोच रहा था, लेकिन उसने बाद में अपना इरादा बदल दिया। उसने चार बैंकों में पर्सनल लोन के लिए आवेदन किया था लेकिन लोन मंजूर हो जाने के बाद भी उसने उसे नहीं लिया। बैंकों ने पर्सनल लोन के लिए राकेश की सिफारिश मिलने के बाद उसकी क्रेडिट रिपोर्ट के बारे में जानकारी लेने के लिए उसकी सिफारिश को CIBIL भेजा था।
CIBIL रिपोर्ट में बारीक जानकारियां भी होती हैं
CIBIL क्रेडिट रिपोर्ट में किसी व्यक्ति के बारे में यह जानकारी भी होती है कि उसने किन चीजों और कितनी राशि के ऋण के लिए कितने बैंकों में अप्लाई किया। किसी भी बैंक में किए जाने वाले लोन एप्लिकेशन का पूरा ब्यौरा CIBIL के पास होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, CIBIL क्रेडिट स्कोर के फॉमूले का खुलासा नहीं करती लेकिन बेहद कम समय में, खासतौर पर अनसिक्योर्ड लोन के लिए किए जाने वाले आवेदनों की संख्या जितनी अधिक होगी, इसका क्रेडिट स्कोर पर उतना ही नकारात्मक असर होगा।
क्रेडिट स्कोर सही रखने के क्या हैं उपाय
विशेषज्ञों के अनुसार, सबसे पहले लोन के लिए आवेदन करने से पहले इसकी जरूरत के बारे में अच्छी तरह सोच-विचार लें। कई बार बिना सोचे-समझे और बगैर किसी जरूरी आवश्यकता के ऋण के लिए आवेदन करना आपके क्रेडिट स्कोर में कटौती कर सकता है, फिर चाहें आप लोन लें या नहीं। किसी भी लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने से पहले सबसे अच्छा तरीका है कि आप CIBIL से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट मंगवा कर खुद ही चेक कर लें।