नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक ने नए फाइनेंशियल ईयर पर अपने ग्राहकों को सस्त कर्ज का तोहफा दिया है। बैंक ने गुरुवार को MCLR में 0.10 फीसदी की कटौती का ऐलान किया। इस फैसले के बाद एमसीएलआर आधारित ब्याज दर 9.50 फीसदी से घटकर 9.40 फीसदी पर आ गई है। इससे बैंक के ग्राहकों के लिए कर्ज लेना सस्ता होगा। आपको बता दें कि नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी।
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क्या होता है MCLR
आरबीआई के द्वारा बैंकों के लिए तय फॉर्मूला फंड की मार्जिनल कॉस्ट पर आधारित है। इस फॉर्मूले से जहां कस्टमर को कम इंटरेस्ट रेट का फायदा मिलेगा। वहीं, बैकों को पहले से इंटरेस्ट रेट तय करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आएगी। वहीं दूसरी ओर कर्ज लेने वालों को लाभ होगा। इंटरेस्ट रेट का नया फॉमूला 1 अप्रैल, 2016 से लागू हो गया है। बैंकों को नए फॉर्मूले के तहत मार्जिनल कॉस्ट से लेंडिंग रेट तय करना होगा। साथ ही हर महीने बैंकों को एमसीएलआर की जानकारी देनी होगी। वहीं, 1 साल पहले एमसीएलआर को नहीं बदला जाएगा। आरबीआई द्वारा जारी इस नियम से बैंकों को ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी और इकोनॉमिक ग्रोथ में भी इसका लाभ मिलेगा।
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MCLR फॉर्मूला का फायदा
इस फॉर्मूले से कस्टमर को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जैसे ही आरबीआई रेट में कटौती करेगा वैसे ही बैंकों को अपना इंटरेस्ट रेट कम करना पड़ेगा। जबकि पहले के लेंडिंग रेट फॉर्मूला में बैंकों के ऊपर यह बाध्यता नहीं थी। जिसकी वजह से लोन लेने वाले कस्टमर को सस्ते कर्ज के लिए काफी इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब यदि कोई कस्मटर अपने लोन को नए फॉर्मूले के आधार पर शिफ्ट कराता है तो उसे सस्ते कर्ज का लाभ जल्द से जल्द मिल जाएगा। नए फॉर्मूले एमसीएलआर के तहत एसबीआई ने होम लोन में 0.25 फीसदी की कटौती की है।
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लोन शिफ्ट कराने की प्रक्रिया
एमसीएलआर फॉर्मूला के तहत इंटरेस्ट रेट शिफ्ट कराने के लिए आपको जिस बैंक से लोन लिया हआ है उसको एक एप्लीकेशन देनी होगी। इस आधार पर बैंक आपको लोन शिफ्ट करने का ऑप्शन देंगे। इसके लिए आपको बैंक को तय फीस देनी होगी। इसके बद बैंक लोन की राशि को देखते हुए फीस तय करेंगे। यह फीस आपके बचे हुए लोन अमाउंट पर ली जाएगी। फिलहाल बैंक लोन शिफ्ट करने के लिए लोन की बची हुई राशि का 0.50 फीसदी फीस के तौर पर लेते हैं। आरबीआई ने बैंकों को यह फीस तय करने की छूट दे रखी है।
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