नई दिल्ली। सरकार ने 16 महीने पुराने दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) में संशोधन के लिये अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी। कानून में प्रस्तावित नए संशोधन में फ्लैट खरीदारों को बैंकों के समान ही ‘वित्तीय कर्जदाता’ माना गया है ताकि इस क्षेत्र की कर्ज में फंसी कंपनियों के मामले के दिवाला कानून के तहत समाधान में मकान के लिए पैसा जमा कराने वाले खरीदारों को भी वित्तीय ऋण देने वालों (बैंकों और वित्तीय संस्थाओं) की तरह ही समझा जाए।
आईबीसी कानून में ताजा संशोधन का प्रस्ताव इसमें नई धारा 29ए को जोड़े जाने के ठीक एक माह बाद आया है। पिछले साल नवंबर में आईबीसी संहिता में संभावित बोलीदाताओं की अयोग्यता को लेकर नये मानदंड जोड़े गये थे।
कानून में ताजा संशोधन सरकार द्वारा इस संबंध में सिफारिशें देने के लिये गठित 14 सदस्यीय समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं। समिति ने पिछले महीने ही मकान खरीदने वालों की चिंताओं और कर्जदाताओं के लिये वसूली को आसान बनाने के बारे में सुझाव दिए थे।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि यह नया विधेयक है। मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दे दी। हालांकि, उन्होंने संवैधानिक प्रावधानों का हवाला देते हुये विधेयक का ब्यौरा देने से इनकार किया।
मंत्रिमंडल ने समिति की सिफारिशों के अनुरूप मकान खरीदारों को राहत पहुंचाने के लिए क्या कुछ उपायों को मंजूरी दी है? इस सवाल के जवाब में प्रसाद ने कहा कि कोई भी अध्यादेश जब तक राष्ट्रपति मंजूरी नहीं देते हैं, इसके बारे में विस्तार से कुछ नहीं कहा जा सकता है।
दिवाला कानून पर गठित समिति ने पिछले महीने ही कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय को दी गई अपनी सिफारिश में कहा है कि रियल एस्टेट डेवलपर की परियोजनाओं में मकान खरीदने वाले ग्राहकों को भी बैंकों की तरह वित्तीय कर्जदाता की श्रेणी में माना जाना चाहिए। दिवाला समाधान प्रक्रिया में उनकी भी बराबर की भागीदारी होनी चाहिए।
समिति ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को भी आईबीसी कानून के तहत राहत पहुंचाने का सुझाव दिया है।
आईबीसी में संशोधन वाले प्रस्तावित विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जैसे ही मंजूरी देंगे दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रहे जेपी इंफ्राटेक जैसी कंपनियों की परियोजनाओं में घर खरीदारों की ताकत बढ़ जाएगी। अधूरी परियोजनाओं के कारण इन कंपनियों की परियोजनाओं में धन जमा करा चुके घर खरीदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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