Home Loan के रिपेमेंट की न लें टेंशन, किश्तें चुकाने के ये बेहद आसान तरीके
Here is the list of best five home loan repayment option. Be wise while selecting the option
नई दिल्ली। अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। इस सपने को पूरा करने की कोशिश में लोग अपने जीवन भर की सेविंग्स और इंवेस्टमेंट लगा देते हैं। आम आदमी के लिए घर खरीदते समय इतनी बड़ी राशि एक बार में जुटा कर देना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसे में होम लोन (Home Loan) सबसे आसान और एकमात्र विकल्प होता है। मार्केट में बढ़ते कॉम्पटीशन और नए लोन प्रोडक्ट ने आम आदमी की अपने सपनों के आशियाने तक का सफर काफी आसान बना दिया है। कुछ बैंक अपने ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखकर कस्टमाइज्ड रिपेमेंट का विकल्प मुहैया कराते हैं। जिससे होम लोन की किश्तें भरना एक आम नौकरीपेशा के लिए ज्यादा कठिन काम नहीं रह जाता है। इंडिया टीवी पैसा की टीम आज अपने रीडर्स के लिए होम लोन रिपेमेंट के विभिन्न विकल्प लेकर आई है। ऐसे में आप भी होम लोन लेने से पहले बाजार में उपलब्ध विकल्पों को एक बार जरूर समझ लें।
1. स्टेप अप रीपेमेंट फैसिलिटी (एसयूआरएफ)
यह प्लान उन लोगों के लिए है जो अपने करियर के शुरुआती चरण में हैं। इस वक्त युवा निवेशक के पास न तो पर्याप्त कॉर्पस होता है और न ही इतनी सैलरी की होम लोन की भारी किश्तेंं भर सके। इस प्लान के तहत बैंक कस्टमर की बढ़ती इनकम को ध्यान में रखते हुए ईएमआई तय कर देता है। सामान्य लोन स्कीम्स की तुलना में इसके जरिए लोन रीपेमेंट आसान होता है।
2. फ्लैक्सिबल लोन इंस्टॉलमेंट्स प्लान या स्टेप डाउन रिपेमेंट फैसिलिटी
यह विकल्प उन लोगों के लिए है जिनकी लोन टैन्योर के आखिरी समय तक आय कम होने की संभावना होती है। ऐसे में रिपेमेंट कुछ इस तरह की जाती है जिसमें शुरुआती समय में ग्राहक ज्यादा से ज्यादा लोन किश्त चुकता कर सके और टैन्योर के आखिर में इनकम को देखते हुए कम से कम ईएमआई देनी पड़े। इस स्कीम से युवाओं को फायदा मिलता है। इस में वह अपने परिवार की संयुक्त आय से बड़ा लोन ले सकते हैं। जो लोग रिटायरमेंट के नजदीक हैं उनके लिए भी यह एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है क्योंकि उसमें उन्हें कम और किफायती किश्ते देनी होंगी।
3. ट्रैंच ईएमआई
घरों की कंस्ट्रक्शन के लिए इस विकल्प का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें बैंक लोन की राशि एक साथ नहीं उपलब्ध कराता है, बल्कि इस प्रकार के लोन में एक बड़ी लोन राशि को लंबे समय तक के लिए किश्तों में बांट दिया जाता है। बैंक से लोन का पहला हिस्सा मिलते ही कस्टमर की ईएमआई शुरु हो जाती है। कई हिस्सों में लोन मिलने के चलते शुरुआती चरण में लोन की राशि और इसकी ईएमआई भी कम होती है।
4. एक्सेलिरेटिड रिपेमेंट स्कीम
इस स्कीम के तहत उधारकर्ता अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार ऊंची ईएमआई का भी चयन कर सकता है। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए अगर एक कस्टमर की निर्धारित ईएमआई 10,000 रुपए है, लेकिन वह 15,000 रूपए चुकाने का सामर्थ्य रखता है। तो ऐसे में वह अपनी सहूूलियत के हिसाब से इस स्कीम का चयन कर सकता है।
5. बैलून पेमेंट
यह विकल्प स्टेप अप लोन की तरह ही है। इसमें सब एक अंतर है जो कि कस्टमर को लोन की कुल राशि का एक तिहाई अपनी आखिरी किश्त में देनी होती है। बैलून पेमेंट में एक भारी राशि का भुगतान होता है जो निर्धारित समय या फिर लंबी अवधि के लोन के आखिर में चुकाना होता है। यह स्कीम कस्टमर की ज्यादा आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए मददगार साबित हो सकती है।