बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट के साथ नहीं बनेंगे आप लखपति, निवेश के लिए अपनाने होंगे दूसरे तरीके
इसमें कोई शंका नहीं कि बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) को सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है, इसमें आपको अधिकांश राशि वापस मिल जाती है।
नई दिल्ली। इसमें कोई शंका नहीं कि बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) को सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है, इसमें आपको अधिकांश राशि वापस मिल जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बैंक एफडी लंबे समय में आपकी बचत पर नकारात्मक असर भी डाल सकती है। यहां हम आपको ऐसे दो कारण बताएंगे जो यह सिद्ध करते हैं कि भले एफडी दुनिया का सबसे कम जोखिम वाला निवेश हो लेकिन लंबे समय में यह आपके निवेश पोर्टफोलियो के लिए घातक सिद्ध हो सकता है और एफडी के ब्याज से लंबे समय तक आराम से जीवनयापन या कहिए अमीर बनने का सपना अधूरा रह सकता है।
एफडी क्यों नहीं बेहतरीन निवेश ये हैं दो कारण:
- एफडी पर मिलने वाला रिटर्न महंगाई की तुलना में कम : बीते दो वर्षों (2012-2014) में भारत की औसत महंगाई दर 9.76 फीसदी रही है। देश के तमाम बैंकों और अन्य संस्थाओं में एफडी पर मिलने वाला रिटर्न 8.5 फीसदी के आस-पास ही रहता है। इस 8.5 फीसदी ब्याज में भी टैक्स शामिल होता है। टैक्स घटाने के बाद आपकी एफडी पर मिलने वाला रिटर्न करीब 7 फीसदी रह जाता है। ऐसे में महंगाई से भी कम रिटर्न मिलने की स्थिति में आप लंबे समय में अपनी पूंजी को भी गंवा रहे हैं। लंबे समय में एफडी में किया गया निवेश नकारात्मक साबित होता है।
- एफडी की राशि का कर योग्य होना जो आपकी शुद्ध कमाई को और घटा देता है: लंबे समय के लिए निवेश किए जाने वाले विकल्पों मसलन इक्विटी, म्युचुअल फंड में रिटर्न करमुक्त होता है, जबकि एफडी में मिलने वाला ब्याज मौजूदा स्लैब के मुताबिक कर योग्य होता है। इस तरह एफडी के रिटर्न से मिलने वाली आपकी आय जितनी ज्यादा होगी एफडी से मिलने वाला रिटर्न उसी अनुपात में कम होता जाएगा।
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यहां आप देख सकते हैं कि बैंक एफडी में किया गया निवेश से आपको कितना कम रिटर्न मिला है, जबकि आकपो महंगाई के बराबर या उससे अधिक के रिटर्न की जरूरत है। डेट म्यूचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न महंगाई को पीछे छोड़ने में कामयाब है, लेकिन इक्विटी म्यूचुअल फंड्स महंगाई को तीन गुना पीछे छोड़ते हैं। ऐसे में किसी भी निवेशक को निवेश के लिए ऐसे विकल्प चुनने चाहिए जो लंबे समय में महंगाई की दर से ज्यादा रिटर्न देने में सक्षम हों साथ ही निवेशित पूंजी पर लंबे समय में निवेशक को अच्छे रिटर्न मुहैया करा सकें। ऐसे में बाजार के ज्यादातर जानकार निवेशक को म्युचुअल फंड, डेट फंड, इक्विटी फंड आदि में निवेश करने की सलाह देते हैं।
ध्यान रहे निवेशक की उम्र के लिहाज से भी कई बार निवेश सलाहकार निवेश की जाने वाली कुल राशि का आवंटन करते हैं। तमाम निवेश विकल्पों में आवंटन से जहां एक ओर निवेशक का जोखिम कम हो जाता है वहीं दूसरी ओर अच्छे रिटर्न मिलने की उम्मीद भी बढ़ जाती है। म्यूचुअल फंड्स धन के प्रबंधन की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराते हैं। यह टैक्स फ्री भी होते हैं। लंबी अवधि के निवेश के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश बेहतर होता है, जबकि छोटी अवधि के लिए डेट फंड्स में निवेश करना चाहिए।