नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मई 2015 को कोलकाता में आयोजित एक समारोह में अटल पेंशन योजना (APY) की शुरुआत की थी और तीन साल पूरे होने के बाद इससे 1.10 करोड़ जनता जुड़ जुड़ चुकी है। अटल पेंशन योजना के तहत 60 साल की उम्र के बाद गारंटीड कम से कम 1000 रुपए प्रति माह की पेंशन मिलती है। यह योजना खासतौर से असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए लॉन्च की गई थी जिनकी हिस्सेदारी कुल श्रम बल में 85 फीसदी है।
अटल पेंशन योजना के तहत 60 साल की उम्र पूरी होने पर प्रति माह 1000 रुपये या 2000 रुपये अथवा 3000 रुपये या 4000 रुपये अथवा 5000 रुपये की गारंटीड न्यूनतम पेंशन मिलेगी जो सदस्यों द्वारा किए जाने वाले अंशदान पर निर्भर करेगी। संबंधित सदस्य की पत्नी/पति भी पेंशन पाने का हकदार है और नामित व्यक्ति को संचित पेंशन राशि दी जाएगी।
अटल पेंशन योजना की लांचिंग के तीन साल पूरे होने के अवसर पर पेंशन कोष नियामक विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सहयोग से देश भर में ‘एपीवाई निर्माण दिवस’ के नाम से एक व्यापक पहुंच अभियान आयोजित किया, ताकि बैंकों और डाक विभाग द्वारा APY में नामांकन में वृद्धि की जा सके।
एपीवाई के तहत ग्राहक आधार कई गुना बढ़कर वर्तमान स्तर पर पहुंचा है और एपीवाई की पेशकश सभी बैंकों और डाकघरों द्वारा की जाती है। अब तक अटल पेंशन योजना के तहत 3,950 करोड़ रुपए का अंशदान एकत्र हुआ है। इस योजना ने अपने शुभारंभ से लेकर मार्च 2018 तक लगभग 9.10 प्रतिशत का सीएजीआर सृजित किया है।
विभिन्न राज्यों में APY से जुड़ने वाले लोगों की संख्या निम्नलिखित है :
उत्तर प्रदेश | 14,01,631 |
बिहार | 10,61,660 |
तमिलनाडु | 8,14,917 |
महाराष्ट्र | 7,58,695 |
कर्नाटक | 6,86,504 |
आंध्र प्रदेश | 6,53,404 |
पश्चिम बंगाल | 5,51,471 |
मध्य प्रदेश | 4,98,111 |
राजस्थान | 4,97,962 |
गुजरात | 4,86,465 |
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