ALL YOU NEED TO KNOW: एजुकेशन लोन से जुड़े आपके हर सवाल का मिलेगा यहां जवाब
हर मां-बाप का सपना होता है कि उसका बच्चा उच्च शिक्षा प्राप्त करे, लेकिन महंगें एजुकेशन लोन के इस दौर मे भारी-भरकम फीस की व्यवस्था कर पाना सभीआसान नहीं।
नई दिल्ली। हर मां-बाप का सपना होता है कि उसका बच्चा उच्च शिक्षा प्राप्त करे, लेकिन महंगाई के इस दौर मे भारी-भरकम फीस की व्यवस्था कर पाना सभी के लिए आसान नहीं होता। पैसे के अभाव में बहुत सारे बच्चों का ख्वाब धूमिल हो जाता है। यदि आपका बच्चा होनहार है तो ज्यादा चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। आजकल सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के लगभग सभी बैंक आसान शर्तों पर एजुकेशन लोन मुहैया करा रहे हैं। इसके जरिए आप भी अपने बच्चे के करियर को पंख लगा सकते हैं।
किसको मिलेगा कर्ज
एजुकेशन लोन के लिए पहली शर्त यह है कि छात्र भारतीय नागरिक हो तथा उसने भारत या भारत के बाहर किसी उच्च शिक्षण संस्था में प्रवेश प्राप्त कर लिया हो। मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय में उच्चशिक्षा के लिए ऋण आसानी से मिल जाता है। बैंक कोई भी कर्ज देने से पहले उसकी वसूली सुनिश्चित करते हैं। इसीलिए कर्ज ऐसे लोगों को ही दिया जाता है, जो इसके पुनर्भुगतान की क्षमता रखते हों।एजुकेशन लोन का भुगतान छात्र के अभिभावक कर सकते हैं अथवा पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र भी इसकी अदायगी कर सकता है। शिक्षा लोन के लिए बैंक गारंटर की मांग कर सकता है।
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कितना मिलेगा लोन
घरेलू संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए 10 लाख रुपए तक का ऋण ले सकते हैं। विदेश में पढ़ाई के लिए 20 लाख रुपए तक का ऋण मिल सकता है। आप फीस के साथ-साथ अतिरिक्त खर्च जैसे हॉस्टल का किराया, परीक्षा, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, किताब आदि खर्चों को भी शामिल कर सकते हैं। यदि आप चार लाख रुपए तक का ऋण लेना चाहते हैं तो आपको किसी तरह की धनराशि अपने पास से जुटाने की जरूरत नहीं है। यदि ऋण की राशि चार लाख रुपए से अधिक है तो कुल ऋण की पांच फीसद धनराशि मार्जिन मनी के रूप में देनी होगी। यदि आप विदेश में पढ़ाई के लिए ऋण ले रहेहैं तो कम से कम 15 फीसदी रकम का स्वयं इंतजाम करना होगा।
जरूरी कागजात
आप जिस बैंक से लोन ले रहे हैं वहां जाकर निर्धारित फॉर्म भरना होगा। इसके साथ आपको फोटोग्राफ, आइडेंटिटी प्रूफ, रेजीडेंस प्रूफ, माता-पिता का इनकम प्रूफ, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट लगानी होगी। इसके अलावा जिस संस्थान में आप पढ़ाई करने जा रहे हैं, उसका एडमिशन लेटर और पाठ्यक्रम की अवधि का प्रूफ जमा कराना होगा। ध्यान देने की बात यह है कि बैंक सिर्फ सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों में पढ़ाई के लिए ही लोन मंजूर करते हैं।
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लोन की सिक्योरिटी
इस लोन की वसूली के लिए बैंक पहले से ही पुख्ता इंतजाम कर लेते हैं। यदि आप चार लाख रुपए तक के ऋण के लिए आवेदन करते हैं तो छात्र को यह ऋण अपने माता-पिता के साथ संयुक्त रूप से लेना होगा। इसके लिए किसी प्रकार की प्रतिभूति जमा करने की जरूरत नहीं होती। यदि आप चार लाख से 6.5 लाख रुपए के बीच ऋण लेते हैं तो आपको किसी तीसरे व्यक्ति की गारंटी भी देनी होगी। यदि ऋण की राशि 6.5 लाख से अधिक है तो बैंक आपको कोई संपत्ति बंधक रखने के लिए कह सकता है। इसके लिए प्रॉपर्टी के कागजात, एफडी, जीवन बीमा का बांड जमा कर सकते हैं।
कितना लगेगा ब्याज
एजुकेशन लोन प्राय: पर्सनल लोन की तुलना में सस्ता पड़ता है। हालांकि ब्याज की दर लोन की राशि पर निर्भर करती है। विभिन्न बैंकों की ब्याज दरों में भी दो से ढाई फीसद तक का अंतर हो सकता है। फिलहाल बैंक 9.70 से 12.60 फीसदी की दर पर एजुकेशन लोन मुहैया करा रहे हैं। आपको कर्ज की किस्त कोर्स खत्म करने के एक साल बाद या फिर नौकरी लगने के छह महीने के बाद शुरू करनी होगी। इस ऋण का आपको 15 साल में भुगतान करना होगा। बैंक फिक्स्ड और फ्लोटिंग दरों का विकल्प देते हैं।
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भुगतान के विकल्प
इस लोन की वसूली के लिए बैंक कई विकल्प देते हैं। पहला विकल्प यह है कि आपने जिस कोर्स में प्रवेश लिया है, उसकी समाप्ति के बाद कर्ज का भुगतान कर सकते हैं। कई बैंक कोर्स की समाप्ति के एक बर्ष बाद या नौकरी लगने के छह महीने बाद रिपेमेंट शुरू करने का विकल्प भी देते हैं। कुछ बैंक कोर्स पूरा करने के बाद वास्तविक ईएमआई (मूल और ब्याज) तय कर देते हैं। यदि आप सक्षम हैं तो लोन मिलने के तुरंत बाद ईएमआई का भुगतान कर सकते हैं। आप अपने सुविधा के अनुरूप विकल्प चुन सकते हैं।
आयकर में छूट
शिक्षा ऋण पर आयकर की धारा 80ई के तहत आयकर में छूट का प्रावधान है। शिक्षा ऋण पर दिए गए ब्याज को आप अपनी आय में से घटा सकते हैं। यह लाभ जिस साल से आप ऋण वापसी की पहली किस्त देते हैं, उस वर्ष से लेकर केवल आठ वर्षों के दौरान ले सकते हैं। यदि छात्र ने यह ऋण अपने नाम से लिया है तो वह आयकर में मिलने वाली छूट का लाभ ले सकता है। यदि माता-पिता ने यह ऋण अपने नाम से लिया है तो छात्र को छूट का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में आयकर का पूरा फायदा उठाने के लिए एजुकेशन लोन की अवधि अधिकतम आठ साल ही रखनी चाहिए।
उपरोक्त दरें एजुकेशन लोन के लिए विभिन्न बैंकों की ओर से दी जा रही हैं। ये दरें रिजर्व बैंक की ओर से मुख्य नीतिगत दरों (रेपो रेट) में परिवर्तन के अनुरूप बदलती रहती हैं।
इस आर्टिकल में एजुकेशन लोन से जुड़े बुनियादी प्रश्नों का उत्तर दिया गया है। यदि आपके मन में एजुकेशन लोन से जुड़ा कोई और सवाल है तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपना प्रश्न लिख भेजिए। हम जल्द आपके प्रश्न से जवाब से जुड़ा लेख आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
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