नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पेंशन के लिए मृत सरकारी सेवक या पेंशनभोगी के परिवार के सदस्य की पात्रता को लेकर आय मानदंड को उदार बनाने की घोषणा की है। केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने सोमवार को कहा कि केंद्र ने पेंशन के लिए मृत सरकारी सेवक या पेंशनभोगी के परिवार के सदस्य की पात्रता को लेकर आय मानदंड को उदार बनाया है। यह छूट दिव्यांगों को पारिवारिक पेंशन की मंजूरी को लेकर दी गई है। इसका कारण है कि उन्हें इलाज और वित्तीय सहायता की ज्यादा जरूरत पड़ती है।
जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार का विचार है कि परिवार के अन्य सदस्यों के मामले में लागू पारिवारिक पेंशन की पात्रता के लिए आय मानदंड दिव्यांगजन की श्रेणी में आने वाले बच्चों/भाई-बहन के मामलों में लागू नहीं होना चाहिए। कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि सरकार ने मामले की समीक्षा की और यह निर्णय किया है कि ऐसे बच्चों/भाई-बहन के लिए पारिवारिक पेंशन को लेकर पात्रता के तहत आय मानदंड उनके मामले में हकदार परिवार पेंशन की राशि से शुरू होगा।
कार्मिक मंत्रालय के बयान के अनुसार पेंशन और पेंशनभागी कल्याण विभाग ने सोमवार को मृत सरकारी सेवक/पेंशनभागी के उन बच्चे/भाई-बहन के पेंशन को लेकर निर्देश जारी किया, जो मानसिक या शारीरिक रूप से नि:शक्त हैं। बयान के अनुसार यदि कुल आय पात्र पारिवारिक पेंशन मृतक सरकारी सेवक/पेंशनभोगी द्वारा लिए गए अंतिम वेतन से 30 प्रतिशत से कम है, तो वे पूरे जीवन के लिए पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होंगे। साथ ही वे महंगाई राहत के भी पात्र होंगे।
इसमें कहा गया है कि केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 54 (6) के तहत मृत सरकारी सेवक या पेंशनभोगी के बच्चे/भाई-बहन मानसिक या शारीरिक रूप से नि:शक्त है और वह इसके कारण आजीविका अर्जित करने में असमर्थ है, तो पूरे जीवन पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होंगे। वर्तमान में, दिव्यांग बच्चे/भाई-बहन सहित परिवार के सदस्य को उस स्थिति अपनी आजीविका कमाने के लिए समझा जाता है यदि पारिवारिक पेंशन के अलावा अन्य स्रोतों से आय न्यूनतम पारिवारिक पेंशन 9,000 रुपये के बराबर या उससे अधिक हो। बयान के अनुसार दिव्यांग बच्चे/भाई-बहन पूर्व आय मानदंड को पूरा नहीं करने के कारण परिवारिक पेंशन नहीं प्राप्त कर पाते। नई व्यवस्था से वे इसके पात्र होंगे।
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