सहारा रिफंड पोर्टल क्या है? जानिए रजिस्ट्रेशन के प्रोसेस से लेकर इससे मिलने वाले सभी फायदे
Sahara Refund Portal Process: अगर आप भी उन लोगों में से एक हैं, जिन्हें सहारा रिफंड पोर्टल के लॉन्च होने का इंतजार है तो यह खबर आपके लिए है।
Sahara Refund Portal: सहारा इंडिया में लाखों निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है। अब उनके अच्छे दिन आने वाले हैं। आज यानि 18 जुलाई को सहकारिता मंत्री अमित शाह के द्वारा सहारा रिफंड पोर्टल (Sahara Refund Portal) लॉन्च किया गया है। इस पोर्टल की मदद से निवेशक अपना पैसा रिफंड पा सकेंगे। सिर्फ उन्हीं को पैसा दिया जाएगा, जिनकी निवेश अवधि पूरी हो चुकी है। वे अपने पैसे मिलने का इंतजार कर रहें हैं। सरकार ने 29 मार्च को कहा था कि सहारा समूह की चार सहकारी समितियों के करीब 10 करोड़ निवेशकों को नौ महीने के भीतर पैसे लौटाए जाएंगे। यह घोषणा उच्चतम न्यायालय के 5,000 करोड़ रुपये सहारा-सेबी रिफंड खाते से केंद्रीय सहकारी समिति रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) को हस्तांतरित करने के आदेश के बाद की गई थी।
ऐसे करें अप्लाई
- सहारा रिफंड पोर्टल (mocrefund.crcs.gov.in) पर जाएं।
- जमाकर्ता का पूरा डिटेल दर्ज करें।
- सहारा इंडिया रिफंड के लिए आवेदन पत्र जमा करें।
- सहारा इंडिया रिफंड राशि वैध जमाकर्ता के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
क्या होगा फायदा?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सहारा समूह द्वारा चलाई जा रही चार सहकारी समितियों के 10 करोड़ से अधिक निवेशकों को उनका पैसा ब्याज सहित मिलेगा। गौरतलब है कि इन निवेशकों का धन इन चार सहकारी समितियों में फंसा हुआ है। उच्चतम न्यायालय ने सहारा समूह की सहकारी समितियों में निवेश करने वाले निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश जारी किया है। शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय लगातार इस मामले को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने निवेशकों से अपने दावे केंद्रीय सहकारी समितियों के पंजीयक को भेजने के लिए कहा था।
सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस को सैट से मिली थी राहत
हाल ही में सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को बड़ी राहत देते हुए प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने दो लाख पॉलिसी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस को हस्तांतरित करने के बीमा नियामक इरडा के आदेश पर रोक लगा दी थी। सैट का यह आदेश सहारा इंडिया लाइफ की उस अपील पर आया है जिसमें भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के आदेश को चुनौती दी गई थी। इरडा ने गत दो जून को पारित अपने आदेश में सहारा इंडिया लाइफ का पूरा कारोबार एसबीआई लाइफ को हस्तांतरित करने को कहा था। इसके अलावा बही खातों एवं बैंक खातों को भी स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था। सहारा समूह की बीमा कंपनी की बिगड़ती वित्तीय सेहत को देखते हुए इरडा ने यह फैसला किया था। इसके खिलाफ सहारा इंडिया लाइफ ने सैट में अपील की थी। अपीलीय न्यायाधिकरण ने मंगलवार को पारित अपने आदेश में कहा कि इरडा के इस आदेश के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगाई जा रही है। यह मामला अब तीन अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
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