क्या है FIRE Method? जिसकी मदद से 40 की उम्र में रिटायर होने पर मिलती है बेशुमार दौलत
Retirement Age: हर कोई आज के समय में 60-65 साल पर रियारमेंट लेने का नहीं सोचता है। कुछ लोग यह काम और पहले करना चाहते हैं। उनके लिए यह खबर बेहद काम की है।
FIRE Method: आमतौर पर लोग 60 या 65 साल की उम्र होने के बाद रिटायरमेंट लेने के बारे में सोचते हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी लोग हैं जो 30 या 40 की उम्र में रिटायरमेंट लेकर आगे चिंता मुक्त होकर फैमिली के साथ समय बिताना चाहते हैं। ऐसे में उनके लिए एक बहुत ही चैलेंजिंग काम वित्तीय समस्या है। यानि 40 की उम्र के बाद किस तरह से जीवन यापन करें और पैसों से जुड़ी समस्या नहीं हो इसके लिए प्लानिंग करना बहुत जरूरी है। अगर आप भी रिटायरमेंट लेने वाले हैं तो FIRE मैथड के बारे में जानकारी लेकर इसे अपना सकते हैं।
FIRE मैथड रिटायरमेंट से पहले क्यों जरूरी?
समय से पहले रिटायरमेंट लेने पर सबसे बड़ी समस्या पैसों को लेकर होती है। इससे बचने के लिए अब 30 से 40 की उम्र से पहले FIRE मैथड अपना सकते हैं। इसका मतलब खुद पर निर्भरता या फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस रिटायर अर्ली, अर्ली रिटायरमेंट प्लानिंग है। अगर आप भी आने वाले जीवन में सुकून से जीना चाहते हैं तो इसके लिए पैसे बचाना शुरू कर दें। वैसे सिर्फ पैसे बचाने से नहीं, बल्कि अलग-अलग जगह इन्वेस्टमेंट करना भी जरूरी है। कुछ पैसे बचा कर रिटायरमेंट को सफल नहीं बना सकते हैं। इसलिए इसके लिए कई पहलुओं पर ऊपर ध्यान देना जरूरी है।
FIRE नंबर कैलकुलेट कर बनाएं योजना
सबसे पहले FIRE नंबर को कैलकुलेट करें इसके बाद यह निर्णय लें कि आपको सैलरी से कितने पैसे बचाने हैं और कितने खर्च करने हैं। इसे कैलकुलेट करते समय आप अभी कितना पैसा खर्च कर रहे हैं और आगे कितने पैसे की जरूरत पड़ने वाली है इन दोनों को शामिल करें। रिटायरमेंट को सफल बनाने के लिए खर्च कम कर सेविंग के साथ ही इनकम को भी बढ़ाना शुरू कर दें। जितना आप कमा रहे हैं उसमें लगभग 50% तक एक जगह सेव करके रखें।
इंवेस्टमेंट के ऊपर रखें नजर
सेविंग कर इन पैसों को घर में रखने की जगह आप अलग-अलग सरकारी योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं केवल सेविंग के ऊपर निर्भर होकर रिटायरमेंट को सफल बनाना काफी मुश्किल है। यही वजह है कि लोग कई इन्वेस्टमेंट प्लान बनाते हैं। आप प्रोग्रेस कर पा रहे हैं या नहीं, निवेश के ऊपर होने वाले प्रॉफिट से आपकी जरूरतें पूरी होने वाली है या नहीं, इसे भी समय-समय पर ट्रैक करते रहें। इसके अलावा बढ़ती महंगाई दर को भी ध्यान में रखें।