पेंशनर्स के लिए कैसे लाभकारी है EPS 95 स्कीम? यहां समझें पूरी जानकारी
अगर आप नौकरी करते हैं और हर महीने अपनी आय का एक छोटा सा हिस्सा भविष्य निधि के रूप में जमा करवाते हैं तो आपको EPS-95 के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए।
EPS-95 Pension Scheme: नौकरीपेशा लोग अपनी आय का एक छोटा सा हिस्सा हर महीने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के खाते में जमा करवाते हैं। लेकिन EPFO में पैसा डालने वाले ज्यादातर लोगों को EPFO की EPS-95 स्कीम के बारे में पता नहीं होता है। अगर आप रिटायरमेंट के बाद किसी पर बोझ नहीं बनना चाहते तो आपको इसकी जानकारी जरूर होनी चाहिए। आइए आज आपको बताते हैं कि आखिर EPS-95 क्या है और इससे कौन लाभान्वित हो सकता है। EPS-95 स्कीम 1995 में लागू हुई थी। EPFO के अंतर्गत सभी कंपनियां इसके दायरे में आती हैं। प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत कर्मचारी भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। EPS-95 योजना के तहत 1 सितंबर 2014 के बाद से सभी पेंशनरों को कम से कम 1,000 रुपए की पेंशन मिलती है। पेंशनरों को यह राशि 58 की उम्र के बाद मिलनी शुरू होती है। यानी 58 साल के बाद आपको हर महीने 1,000 रुपये बतौर पेंशन मिलेंगे।
कौन हो सकता है लाभावान्वित?
EPS-95 योजना का लाभ केवल EPFO के खाताधारकों को ही मिल सकता है। EPFO खाताधारकों की आय का एक हिस्सा भविष्य निधि के रूप में यहां जमा होता है। हालांकि इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपको कम से कम 10 वर्ष तक नौकरी करना जरूरी है। फिर जब आप 58 साल के हो जाएंगे तो आपको पेंशन की राशि मिलने लगेगी।
मृत्यु के बाद परिवार को लाभ
EPS-95 योजना के तहत अगर किसी पेंशन धारक की अकाल मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को पेंशन का लाभ मिलता रहेगा। अगर कर्मचारी की मृत्यु नौकरी के वक्त हो जाती है तो उसके परिवार को छह लाख रुपये मिलते हैं। अगर पेंशन धारक का कोई परिवार नहीं है तो पेंशन का लाभ नॉमिनी को मिल जाता है। नौकरी के 10 साल पूरे होने के बाद आप अपना सारा पैसा PF खाते से निकाल सकते हैं। हालांकि फिर आपको पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा।
बदल चुके हैं EPFO के नियम
सरकार ने EPFO के नियमों में कई बदलाव किए हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है कि अब कर्मचारी रिटायरमेंट से छह महीने पहले ही भविष्य निधि के रूप में जमा पूरे पैसे को निकाल सकता है। इसमें किसी तरह की कटौती नहीं की जाएगी। इसके अलावा, अगर कोई कर्मचारी दो महीने से ज्यादा समय तक बेरोजगार रहता है तो इस स्थिति में भी वो अपना पीएफ निकाल सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति EPFO अकाउंट ओपन होने के बाद 5 साल के अंदर पैसा निकालता है तो उसे टीडीएस कटवाना पड़ता है। अगर यह रकम 50 हजार रुपये है और आपका पैन कार्ड अकाउंट से लिंक नहीं है तो आपको 10 प्रतिशत टीडीएस देना होगा।