वर्तमान समय में मेडिकल खर्च पहले के मुकाबले काफी अधिक बढ़ गया है। छोटी-मोटी बीमारी का खर्च भी लाखों रुपये में पहुंच जाता है। वहीं, अगर कैंसर और ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर बीमारी हो जाए तो जीवन भर की कमाई जाना तय है। ऐसे में क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस (critical illness insurance) बड़े काम आता है और गंभीर बीमारी होने पर आपकी मदद करता है।
क्या है क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस?
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस एक ऐसी पॉलिसी होती है जो आपको कोई गंभीर बीमारी होने पर लंपसम या अलग-अलग भुगतान करती है। इसमें कैंसर, दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी बीमारियों को शामिल किया जाता है। इस इंश्योरेंस में बीमारी होने पर पॉलिसी कवर आपको दे दिया जाता है। भले ही में खर्च होने वाली राशि कुछ भी हो। इस कवर का उपयोग मेडिकल ट्रीटमेंट, लाइफस्टाइल में सुधार या फिर किसी अन्य वित्तीय जरूरत के लिए किया जा सकता है।
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी कैसे चुनें?
जब भी क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी लें तो उसके नियम व शर्तों को अच्छे से पढ़ लेना चाहिए। इसके साथ ही अपने परिवार की मेडिकल हिस्ट्री, पर्सनल हेल्थ कंडीशन और कोई बीमारी के होने के जोखिम को भी समझ लेना चाहिए। इन सभी का एनालिसिस करने के बाद ही क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी चुननी चाहिए।
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के फायदे
- क्रिटिकल इलनेस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर आपको कोई गंभीर बीमारी हो जाती है तो आपको अपनी पूरे जीवन भर की कमाई को दांव पर नहीं लगाना पड़ेगा। लंपसम राशि मिलने से आपको आर्थिक सहायता भी मिलेगी।
- अक्सर बड़ी बीमारियों में हेल्थ इंश्योरेंस की लिमिट समाप्त हो जाती है। क्रिटिकल इलनेस कवर ऐसे समय पर आपकी सहायता करता है।
- क्रिटिकल इलनेस इश्योरेंस इनकम रिप्लेसमेंट का भी काम करता है। क्योंकि गंभीर बीमारी होने पर आप काम नहीं कर पाते हैं। इससे आपकी आय का भी नुकसान होता है।
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