Capital Gains Tax: बजट 2023 पेश होने के बाद सरकार एक बार फिर से राजस्व जुटाने में लग गई है। इसमें बढ़ोतरी करने के लिए सरकार अलग-अलग रूप में टैक्स लेती है। इन पैसों का इस्तेमाल गरीब कल्याण योजनाओं में होता है। इसके अलावा देश में जरूरत पड़ने पर इन्हीं पैसों के जरिए लोगों की मदद की जाती है। कैपिटल गेन टैक्स की बचत करने से पहले यह क्या होता है, इसके बारे में जानना जरूरी है। इसे आसान शब्दों में समझने के बाद इस की बचत भी बहुत ही आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए आपको किसी टैक्स के जानकार लोगों से मदद नहीं लेनी पड़ेगी।
आसान भाषा में कैपिटल गेन टैक्स समझें
कैपिटल गेन टैक्स बैंक एफडी, संपत्ति, कार, घर या किसी पर भी लग सकता है। दरअसल जब भी कोई निवेशक अपनी संपत्ति या किसी चीज को बेचते हैं तब उन्हें लाखों रुपये का मुनाफा होता है। इसी मुनाफे पर सरकार टैक्स लेती है। टैक्स कितना देना है यह संपत्ति के ऊपर निर्भर करती है। सरकार कैपिटल गेन टैक्स के रूप में मुनाफा का कुछ हिस्सा लेती है। इससे पहले 2018 में कैपिटल गेन टैक्स को स्टॉक मार्केट के साथ भी जोड़ा गया था। अगर आसान शब्दों में कहें तो किसी भी संपत्ति की खरीद बेच करते समय इस पर होने वाले मुनाफे पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है।
ऐसे लगता है कैपिटल गेन टैक्स
कई बड़े इन्वेस्टर संपत्ति को खरीदने के बाद इसे 2 से 3 साल या फिर इससे अधिक समय के लिए एक वायर करो रखते हैं। उदाहरण के लिए अगर कोई निवेशक किसी संपत्ति को 36 महीने तक एक्वायर कर रखने के बाद बेचते हैं तो उन्हें लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन देना पड़ सकता है। आमतौर पर तोहफे पर टैक्स नहीं लगता है, लेकिन कैपिटल गेन टैक्स को इसमें शामिल किया गया है। किसी संपत्ति को बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट और रियल स्टेट पर 3% के अलावा बाकी संपत्ति पर 20 % की दर से कैपिटल गेन टैक्स लगता है।
कैपिटल गेन टैक्स बचाने का यह आसान तरीका
कैपिटल गेन टैक्स को बचाने का सबसे आसान तरीका रेनोवेशन या सुधर खर्च है। अगर आसान शब्दों में कहें तो लोग किसी भी संपत्ति को खरीदने के बाद इसे रेनोवेशन और सुधार करवाते हैं। इस पर होने वाले खर्च को इंटेक्स कॉस्ट अलग करने के बाद इसे दिखा कर कैपिटल गेन टैक्स में छूट ले सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं ITR की धारा 54 के अनुसार मुनाफे की रकम को किसी दूसरे प्रॉपर्टी या फिर मकान में लगाने के बाद भी इस टैक्स से छुटकारा पा सकते हैं।
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