Blue Aadhaar: पैदा हुए बच्चे का भी बनवा सकते हैं ब्लू आधार कार्ड, जानिए क्या है इसका Step by Step तरीका
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानि UIDAI के अनुसार अभिभावक अपने हाल में पैदा हुए नवजात बच्चे का भी आधार कार्ड बनवा सकते हैं
Highlights
- आप अपने घर में आए नन्हे मेहमान का भी आधार कार्ड बनवा सकते हैं
- बच्चों के आधार कार्ड को ब्लू आधार कार्ड के नाम से जाना जाता है
- ब्लू आधार कार्ड डाटा में फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन की जानकारी नहीं होती
आधार भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक अहम सरकारी दस्तावेज है। फिर चाहें वह कोई बुजुर्ग हो या फिर नवजात शिशु। जी हां आप अपने घर में आए नन्हे मेहमान का भी आधार कार्ड बनवा सकते हैं। बच्चों के आधार कार्ड को ब्लू आधार कार्ड (Blue Aadhaar Card) के नाम से जाना जाता है। यह उन बच्चों के लिए होता है, जिनकी आयु 5 वर्ष से कम की होती है। यह आधार कार्ड बच्चे के स्कूल एडमिशन से लेकर विभिन्न सरकारी योजनाओं में पंजीकरण के लिए काम आ सकता है। इसके अलावा आधार नंबर होने से बच्चे का पासपोर्ट भी आसानी से बन जाता है। वहीं आपको बता दें कि ब्लू आधार कार्ड डाटा में फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन की बायोमेट्रिक जानकारी नहीं होती है।
आधार कार्ड जारी करने वाली प्रमुख एजेंसी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानि यूआईडीएआई के अनुसार अभिभावक अपने हाल में पैदा हुए नवजात बच्चे का भी आधार कार्ड बनवा सकते हैं। इसकी प्रक्रिया बेहद सरल है, आपको बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र के साथ ही माता पिता के दस्तावेज आधार केंद्र पर जमा करने होंगे। आपके नवजात शिशु का आधार बन जाएगा। यूआईडीएआई की ओर से नवजात बच्चों के लिए भी आधार कार्ड बनाने की सुविधा शुरू की गई है। इस सुविधा के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप आधार के टॉल फ़्री नम्बर 1947 पर कॉल कर सकते हैं।
सिर्फ इन दस्तावेजों की जरूरत होगी
आपको आधार कार्ड बनवाने के लिए बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र की जरूरत होगी। अगर बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र यानी बर्थ सर्टिफिकेट नहीं बना है तब भी हॉस्पिटल द्वारा जारी डिस्चार्ज कार्ड या पर्ची के आधार पर भी आप आधार कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके साथ माता या पिता में से किसी एक अभिभावक का आधार भी चाहिए होगा। इन दोनों चीजों को लेकर आधार सेवा केन्द्र पर जाकर नवजात बच्चे का आधार कार्ड बनवाया जा सकता है।
दो बार करना होता है अपडेट
यूआईडीएआई नवजात या छोटे बच्चों का आधार बनवाने की सुविधा तो देता है। लेकिन बच्चों के बायोमेट्रिक डिटेल्स आपको उसके जीवन में दो बार अपडेट करवानी होती हैं। पहली बार बच्चे के 5 साल का होने पर और दूसरी बार उसके 15 साल का होने पर। 5 साल से कम उम्र के बच्चों के बायोमेट्रिक्स यानी अंगुलियों के निशान और आंखों की पुतली विकसित नहीं होते हैं। इसलिए इतने छोटे बच्चों के आधार इनरॉलमेंट के वक्त उनके बायोमेट्रिक डिटेल्स नहीं लिए जाते हैं। बच्चे के 5 साल का होने के बाद उसकी बायोमेट्रिक्स डिटेल्स ली जाती हैं। उसके बाद 15 साल का होने पर ये डिटेल्स अपडेट कराना जरूरी है ताकि बच्चा बड़ा होने के बाद अपने आधार को आसानी से इस्तेमाल कर सके।
बच्चा 5 साल से बड़ा हो तो देने होंगे ये डिटेल्स
बच्चा अगर 5 साल से छोटा है तो आपको सिर्फ उसका बर्थ सार्टिफिकेट और माता पिता के आधार कार्ड की डिटेल देनी होती हैं। लेकिन यदि बच्चे की उम्र 5 साल से अधिक है तो उसका आधार कार्ड बनवाने के लिए आप स्कूल के लेटर हेड पर डीटेल, या ग्राम प्रधान या सभासद का लेटर लगा सकते हैं। 5 साल से अधिक उम्र के बच्चों का आवेदन के दौरान बायोमेट्रिक रिकॉर्ड सबमिट किया जाता है। लेकिन 15 साल बाद इसे फिर से एक बार अपडेट कराना होगा।
फ्री में होता है अपडेशन
बच्चों की बायोमेट्रिक्स का अपडेशन फ्री है। इसके लिए कोई डॉक्युमेंट नहीं चाहिए होता है। केवल बच्चे को उसके आधार कार्ड के साथ निकटतम आधार केन्द्र ले जाना होता है।
ये है पूरा प्रोसेस
- आधार के इनरोलमेंट के लिए आपको आधार सेवा केंद्र पर जाकर एनरोलमेंट फॉर्म भरना होगा।
- बच्चे का वैलिड एड्रेस प्रुफ नहीं हो तो बच्चे के माता.पिता का आधार नंबर भरना होगा।
- सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स के साथ आपको ये फॉर्म जमा करना होगा।
- फॉर्म को जमा करने के बाद बच्चे का बायोमेट्रिक रिकॉर्ड रिकॉर्ड किया जाएगा। इसके तहत हाथ की अंगुलियों की फिंगरप्रिंट, आंखों की तस्वीर लिया जाएगा।
- प्रक्रिया पूरी होने पर एक एनरोलमेंट स्लिप जेनरेट कर आपको दी जाएगी।
- इस एनरोलमेंट स्लिप पर एनरोलमेंट आईडीए नंबर और तारीख दी जाएगी।
- इस एनरोलमेंट आईडी की मदद से आप आधार स्टेटस के बारे में पता कर सकते हैं।
- आधार एनरोलमेंट के 90 दिनों के अंदर आधार को आवेदनकर्ता के घर पर पोस्ट कर दिया जाता है।