नया साल 2022 आ गया है। कैलेंडर में नया साल शुरू होने के साथ ही आपके रुपये पैसे से जुड़ी कई चीजों में बड़ा बदलाव आ रहा है। अब कई जगह आपको पहले से ज्यादा जेब ढ़ीली करनी होगी। हालांकि बीते साल के कुछ आखिरी दिनों में रिजर्व बैंक या फिर केंद्र सरकार की ओर से आपको मार्च तक के लिए कुछ राहतें भी मिली है। आइए जानते हैं कि नए साल से आपकी जेब कौन कौन से बदलाव देखने जा रही है।
कारें होंगी महंगी
2021 का साल कार कंपनियों के लिए चिप संकट के बीच गुजरा। जहां कंपनियों की सेल ने गोते लगाए वहीं उन्हें कच्चे माल की महंगाई से भी जूझना पड़ा। 2021 के आखिरी 2 महीनों में करीब 10 ऑटो कंपनियों ने अपनी कारों की कीमतों में बढ़ोत्तरी की घोषणा की थी। यह कीमत वृद्धि जनवरी से लागू होने जा रही हैं। जो कंपनियां 1 जनवरी से कीमतें बढ़ा रही हैं उसमें मारुति, फोक्सवैगन और वोल्वो शामिल हैं। वहीं टाटा, टोयोटा और होंडा की भी कीमतें बढ़ाने की घोषणा कर दी है। हालांकि इनकी तारीख अभी तय नहीं है।
ATM से कैश निकालना महंगा
नए साल से एटीएम से पैसा निकालना भी महंगा होगा। बैंकों ने फ्री ट्रांजेक्शन के बाद लगने वाले चार्ज की दरें बढ़ा दी हैं। अभी प्रति ट्रांजैक्शन 20 रुपये प्लस जीएसटी का भुगतान करना होता है वहीं 1 जनवरी 2022 से आपको 21 रुपये प्लस टैक्स लगेगा। ग्राहकों अपने बैंक के एटीएम से हर महीने 5 फ्री ट्रांजैक्शन कर पाएंगे। मेट्रो शहरों में अन्य बैंक के एटीएम से तीन और गैर-मेट्रो शहरों में पांच मुफ्त लेनदेन कर सकेंगे।
पोस्ट ऑफिस में पैसा जमा करना और निकालना महंगा
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के बेसिक सेविंग अकाउंट में महीमें में 4 बार से ज्यादा कैश निकालने पर प्रति विड्रॉल मिनिमम 25 रुपये देने होंगे। सेविंग्स और करंट अकाउंट में महीने में 25 हजार तक कैश ही फ्री निकाल सकेंगे। इन अकाउंट में महीने में 10 हजार तक ही कैश मुफ्त जमा कर सकेंगे। इस सीमा के बाद हर जमा/निकासी पर उस रकम का 0.50% (मिनिमम 25 रुपये) देना होगा।
लॉकर से छेड़छाड़ हुई तो बैंक देगा पैसा
यह खबर फायदे की है। अब आपके बैंक लॉकर से छेड़छाड़ के लिए बैंक जिम्मेदार होंगे। बैंक कर्मी की धोखाधड़ी, आग लगने या चोरी होने की स्थिति में, बैंक लॉकर के मौजूदा वार्षिक किराये का 100 गुना तक भुगतान ग्राहक को करेगा। यह नियम प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान पर लागू नहीं होगा।
जूते हो जाएंगे महंगे
साल के आखिरी दिन हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में जहां कपड़ों पर बढ़ा टैक्स वापस हो गया, लेकिन जूते इस मामले में बदनसीब रहे। जूतों पर अब 5 फीसदी के बजाय 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। जूतों के साथ-साथ कपड़ों पर भी जीएसटी बढ़ाने की योजना थी लेकिन जीएसटी काउंसिल (GST Council) ने फिलहाल इस बढ़ोतरी को टालने का फैसला किया है।
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