Used Car Loan: आमतौर पर कोई इंसान दो ही वजहों से यूज्ड कार यानी पुरानी कार खरीदता है। पहला ड्राइविंग ट्रेनिंग और दूसरा कम बजट। सेकंड हैंड कार खरीदने के लिए लोन की प्रक्रिया नई कार पर मिलने वाली लोन प्रक्रिया से बिल्कुल अलग होता है। आइए जानते हैं।
इंटरेस्ट रेट
पुरानी कार पर मिलने वाले लोन का इंटरेस्ट रेट नई कार के लोन से अलग हो सकता है। इस मामले में पब्लिक सेक्टर के कुछ बैंकों का इंटरेस्ट रेट अन्य के मुकाबले थोड़ा कम हो सकता है। हालांकि लोन की अंतिम ब्याज दरें कार के मॉडल और कंडीशन को देखने के बाद ही तय होती हैं।
कितना मिलेगा लोन
पुरानी कार खरीदने के लिए आवेदक को कितना लोन मिलेगा, ये तय करने का अधिकार बैंक के पास सुरक्षित है। आमतौर पर बैंक या लोन संस्थान लोन टू वेल्यू रेश्यू के तहत पुरानी कार पर 80 प्रतिशत तक लोन प्रदान करते हैं। यानी बैंक अगर किसी पुरानी कार की कीमत 2 लाख रुपए निर्धारित करता है तो आवेदक को उस पर सिर्फ 2 लाख 40 हजार रुपये ही लोन के रूप में मिल सकते हैं।
लोन की अवधि
आमतौर पर पुरानी कार के लोन की अवधि 5 साल की होती है। लेकिन कुछ बैंक या लोन संस्थान 10 साल की अवधि के लिए भी ये लोन देते हैं। हालांकि लोन की अवधि कार के शोरूम से निकलने की तारीख और उसकी कंडीशन पर भी निर्भर करती है। दूसरा, यूज्ड कार लोन कार के 10 साल पूरे होने तक पूरा हो जाना चाहिए। यानी अगर आपने कोई 6 साल पुरानी कार खरीदी है तो उसका लोन अगले 4 साल में चुकता करना एक आवश्यक शर्त है।
सिक्योर्ड लोन
कई बार क्रेडिट स्कोर खराब होने की वजह से बैंक आवेदक को पर्सनल लोन नहीं देता है। दरअसल पर्सनल लोन के लिए बैंक अपने पास ग्राहक की कोई सिक्योरिटी जमा नहीं रखता है, इसलिए आवेदक का क्रेडिट स्कोर देखा जाता है। लेकिन पुरानी कार पर मिलने वाले लोन में क्रेडिट स्कोर की कोई भूमिका नहीं होती है। ये एक सिक्योर्ड लोन होता है, जिस पर आवेदक को पर्सनल लोन की तुलना में कम दरों पर लोन आसानी से मिल जाता है।
Latest Business News