Right time to switch health insurance policy: हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी जिन लोगों के नाम से पहले से है उन्हें जल्दी ही इसे स्विच करने की जरूरत है। दरअसल समय के साथ नियम और शर्तें बदलती है। इलाज का खर्चा भी धीरे-धीरे बढ़ सकता है। समय की जरूरत को समझते हुए इसे नियमित रूप से अपडेट करने पर आप क्रिटिकल समय में इसका लाभ उठा सकते हैं। अगर आप भी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी स्विच करने की सोच रहे हैं तो पोर्ट और माइग्रेशन को नहीं करें नजरअंदाज। यहां जानिए पोर्ट और माइग्रेशन दोनों के फायदे नुकसान।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी स्विच के समय माइग्रेशन क्या है
पुराने हेल्थ इंश्योरेंस में सब लिमिट लगभग 1 या 2 परसेंट के बराबर होने की वजह से इलाज के समय आपको लाखों रुपये का नुकसान हो सकता है। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी स्विच करते समय आप इसे अपडेट कर सकते हैं। दरअसल आप एक ही कंपनी या फिर किसी पुराने पॉलिसी को नए से बदलने को माइग्रेशन कहते हैं। इनमें ओपीडी खर्च और हॉस्पिटल बेड रेंट के अलावा सब लिमिट की जांच करना भी जरूरी है। आप इंश्योरेंस कंपनी को बदलने के अलावा इंश्योरेंस प्लान को भी अपडेट कर सकते हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी स्विच के समय पोर्ट क्या है
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी स्विच करते समय बीमा कंपनी को बदलना पोर्ट कहलाता है। जिस तरह से लोग सिम को एक नेटवर्क प्रोवाइडर कंपनी से दूसरे में बदलते हैं, इसी तरह हेल्थ इंश्योरेंस को भी बदलना बेहद आसान है। इसके लिए केवल एक कंडीशन यह है कि कोई भी व्यक्ति जो बीते 4 वर्षों से कंटिन्यू हेल्थ इंश्योरेंस को रिन्यू करवा रहे हैं उन्हें माइग्रेशन की इजाजत मिल जाती है। अगर आप पुराने पॉलिसी का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं तो इसे हाई वैल्यू पर पोर्ट किया जा सकता है।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी स्विच करने के फायदे एवं नुकसान
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी स्विच करते समय आप कम कीमत में बेहतर प्रीमियम वाली पॉलिसी को खरीद सकते हैं। इनमें आपको कई नए स्कीम्स और क्रिटिकल बीमारियों का इलाज के अलावा ओपीडी की सुविधाएं मिल सकती है। कम प्रीमियम, एक व्यापक कवरेज, अच्छी सर्विसिंग, को-पेमेंट, कम डिडक्टिबल्स और नो टाइम बाउंड एक्सक्लूशन के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी स्विच करें। इसके नुकसान भी कम नहीं है। इसे स्विच करते समय आपको नई सुविधा के नाम पर अधिक पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं इसके अलावा लॉयल्टी छूट खोने की संभावना है।
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